नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर (Jammu And Kashmir) की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को उनके राष्ट्रीय ध्वज को लेकर लिए बयान पर फटकार लगाई है. उन्होंने कहा कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया है और इससे ज्यादा आपत्तिजनक कुछ नहीं हो सकता है. महबूबा राष्ट्रीय ध्वज को लेकर भड़काऊ और गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी से बचे : जम्मू-कश्मीर कांग्रेस
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा “भारत के तिरंगे का जिस तरह से अपमान किया गया उसकी हम भर्त्सना करते हैं. तिरंगा देश का झंडा है, जम्मू और कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है. 370 अब बहाल नहीं होगा. एक देश में दो निशान और दो प्रधान अब नहीं चलेंगे.”
How Mehbooba Mufti insulted national flag, there can be nothing more objectionable. J&K is India's inseparable part. Art. 370 abrogation was constitutional process. We condemn her remark but why's so-called secular lobby silent at this anti-national remark?: Union Min RS Prasad https://t.co/h2XZzrHnNG pic.twitter.com/rcJjVwugtk
— ANI (@ANI) October 24, 2020
महबूबा मुफ़्ती के बहाने उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा “आश्चर्य है कि तथाकथित सेक्युलर लॉबी के लोग इस मामले पर क्यों शांत हैं. जो देश में कुछ भी हो रोज भाजपा के खिलाफ झंडा लेकर खड़ा हो जाते हैं, वो महबूबा जी के इतने बड़े राष्ट्रविरोधी वक्तव्य पर भी खामोश हैं. ये दिखाता है कि उनका दोहरा चरित्र और दोहरे मानदंड क्या है.”
उल्लेखनीय है कि 14 महीने की हिरासत से रिहा होने के बाद पहली बार मीडिया से संवाद करते हुए महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा था कि वह तिरंगा तभी उठाएंगी जब जम्मू-कश्मीर के भूतपूर्व झंडे को बहाल कर दिया जाता है. उन्होंने कहा ‘‘जबतक हमारा झंडा हमें वापस नहीं मिलेगा, हम कोई और झंडा नहीं फहराएंगे. उन्हें (केंद्र) जम्मू एवं कश्मीर के लोगों में दिलचस्पी नहीं है. वो जो चाहते हैं, वह क्षेत्र है, जो बीते वर्ष पांच अगस्त तक कानूनी रूप से यहां के लोगों के पास था. लेकिन उन्होंने उस रिश्ते को तोड़ दिया जो परिग्रहण पर आधारित था. हमने एक उदार, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक भारत के साथ संबंध जोड़ा था, हम आज के भारत के साथ सहज नहीं है." इस मुद्दे पर विरोध प्रकट करने के लिए उन्होंने राज्य के पूर्व झंडे को पार्टी के झंडे के साथ प्रमुखता से पास में भी रखा था.
— ANI (@ANI) October 24, 2020
महबूबा मुफ़्ती के बहाने उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा “आश्चर्य है कि तथाकथित सेक्युलर लॉबी के लोग इस मामले पर क्यों शांत हैं. जो देश में कुछ भी हो रोज भाजपा के खिलाफ झंडा लेकर खड़ा हो जाते हैं, वो महबूबा जी के इतने बड़े राष्ट्रविरोधी वक्तव्य पर भी खामोश हैं. ये दिखाता है कि उनका दोहरा चरित्र और दोहरे मानदंड क्या है.”
उल्लेखनीय है कि 14 महीने की हिरासत से रिहा होने के बाद पहली बार मीडिया से संवाद करते हुए महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा था कि वह तिरंगा तभी उठाएंगी जब जम्मू-कश्मीर के भूतपूर्व झंडे को बहाल कर दिया जाता है. उन्होंने कहा ‘‘जबतक हमारा झंडा हमें वापस नहीं मिलेगा, हम कोई और झंडा नहीं फहराएंगे. उन्हें (केंद्र) जम्मू एवं कश्मीर के लोगों में दिलचस्पी नहीं है. वो जो चाहते हैं, वह क्षेत्र है, जो बीते वर्ष पांच अगस्त तक कानूनी रूप से यहां के लोगों के पास था. लेकिन उन्होंने उस रिश्ते को तोड़ दिया जो परिग्रहण पर आधारित था. हमने एक उदार, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक भारत के साथ संबंध जोड़ा था, हम आज के भारत के साथ सहज नहीं है." इस मुद्दे पर विरोध प्रकट करने के लिए उन्होंने राज्य के पूर्व झंडे को पार्टी के झंडे के साथ प्रमुखता से पास में भी रखा था.