सीमावर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर में बुधवार को सियासी घटनाक्रम तेजी से बदले. वहां, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश किए जाने के कुछ ही देर बाद, राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा को भंग कर दिया और साथ ही कहा कि प्रदेश के संविधान के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की गयी है. पीडीपी ने प्रतिद्वंद्वी नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया था. वहीं दूसरी तरफ दो सदस्यों वाली पीपुल्स कांफ्रेंस ने भी भाजपा और अन्य पार्टियों के 18 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा किया.
राजभवन द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में राज्यपाल ने विधानसभा भंग किये जाने की घोषणा की. देर रात जारी एक बयान में राज्यपाल ने तत्काल प्रभाव से विधानसभा भंग करने की कार्रवाई के लिए चार मुख्य कारणों का हवाला दिया जिनमें ‘‘व्यापक खरीद फरोख्त’’ की आशंका और ‘‘विरोधी राजनीतिक विचारधाराओं वाली पार्टियों के साथ आने से स्थिर सरकार बनना असंभव’’ जैसी बातें शामिल हैं.
कौन हैं सत्यपाल मलिक?
भारतीय राजनीतिज्ञ सत्यपाल मलिक का जन्म उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में 24 जुलाई 1946 में हुआ. मेरठ के एक कॉलेज से उन्होंने पढ़ाई की है. सत्यपाल मलिक ने बीएससी से बैचलर डिग्री ली है. इसके अलावा उनके पास कानून में स्नातक (एलएलबी) की डिग्री भी है. राजनीति में आने के बाद उन्होंने सबसे पहले जनता दल का दामन थामा. जिसके बाद अलीगढ़ सीट से 1989 से 1991 तक जनता दल की तरफ से सांसद रहे. 1996 में समाजवादी पार्टी की तरफ से फिर चुनाव लड़े लेकिन हार गए. इसके अलावा वें बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. सत्यपाल मलिक 30 सितम्बर 2017 को बिहार राज्य के राज्यपाल बनाए गए थे.
गौरतलब हो कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को देश के सात राज्यों के राज्यपाल बदलने को मंजूरी दें दी. बिहार के राज्यपास सत्यपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर का नया राज्यपाल नियुक्त किया है. वहीं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल जी टंडन को बिहार का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है. सत्यदेव नारायण आर्य को हरियाणा और बेबी रानी मौर्या को उत्तराखंड का नया राज्यपाल बनाया गया है.
नई जिम्मेदारी पर मलिक ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच को आगे बढ़ाएंगे. उन्होंने, "कश्मीरी नेताओं से मेरे निजी संबंध हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच पर अमल करना है और लोगों का भरोसा जीतना है. कश्मीर की जनता पर मुझे पूरा भरोसा है."