BJP Spokesperson Shehzad Poonawala: ओल्ड राजेंद्र नगर में हादसा नहीं बल्कि हत्या हुई
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BJP spokesperson Shehzad Poonawala:  ओल्ड राजेंद्र नगर में छात्रों की मौत पर भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आईएएनएस से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि ओल्ड राजेंद्र नगर में हादसा नहीं बल्कि हत्याएं हुई हैं. भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "ओल्ड राजेंद्र नगर में जो हुआ, वह हादसा नहीं बल्कि हत्या है. पिछले 4 सप्ताह में ऐसी 8 हत्याएं हुई हैं. लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार निर्लज्जता से अपने गुनाहों का दोष किसी और पर मढ़ रही है."

शहजाद पूनावाला ने आगे कहा, "दिल्ली में विधायक, एमसीडी, पीडब्लूडी, जल बोर्ड, फायर सर्विस और सरकार आम आदमी पार्टी की है, पर वो दोष किसी और पर मढ़ रहे हैं. 18 जून को शैली ओबेरॉय ने कहा था कि इस बार मानसून का आनंद लेना. शैली ओबेरॉय ने ऐसा आश्वासन क्यों दिया?" उन्होंने आगे कहा, 9 जुलाई को फायर सर्विसेज द्वारा एनओसी बेसमेंट में लाइब्रेरी के लिए नहीं, बल्कि स्टोरेज के लिए दिया गया था. लेकिन उसके बाद चेकिंग नहीं की गई. वहां के विधायक दुर्गेश पाठक को बार-बार डिसिल्टिंग के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी.  यह भी पढ़ें: Gwalior: दो आठवी फेल आरोपियों ने छापे नकली नोट, 2 महीने में 4 लाख रुपये के नोट बाजार में चलाएं, ग्वालियर पुलिस ने किया गिरफ्तार-Video

डिसिल्टिंग के मुद्दे पर इनको हाईकोर्ट ने भी फटकार लगाई है. इस हादसे की जिम्मेदारी लेते हुए अरविंद केजरीवाल को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. शहजाद पूनावाला ने लोकसभा में राहुल गांधी द्वारा जातिगत जनगणना कराने की मांग पर अनुराग ठाकुर से हुई तीखी बहस पर भी आईएएनएस से बात की. इस पूरे प्रकरण पर उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि 100 चूहे खाकर कांग्रेस, इंडी गठबंधन और विपक्ष के लोग हज करने चले हैं.

लोकसभा विपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए पूनावाला ने कहा, "राहुल गांधी विपक्ष नेता के रूप में नहीं बल्कि लीडर ऑफ हिपोक्रेसी के रूप में बयान दे रहे हैं. अनुराग ठाकुर ने किसी की जाति नहीं पूछी. बल्कि उन्होंने ये कहा कि जिसको अपनी जाति का ज्ञान नहीं है, वह जाति जनगणना की बात कर रहे हैं. उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। अगर जाति पूछना गाली है, तो राहुल गांधी पूरे देश को गाली दिलाना चाह रहे हैं?"

भाजपा प्रवक्ता ने आगे बोला, "राहुल गांधी ने एक नहीं, बल्कि अनेक मंचों पर केवल राजनीतिक लोगों से ही नहीं, बल्कि पत्रकारों से भी उनकी जातियां पूछी. शिवप्रसाद नाम के पत्रकार से उनकी जाति पूछी गई और उनकी पिटाई कर दी गई, जबकि वह भी ओबीसी समाज से आने वाले पत्रकार थे. राहुल गांधी ने कई बार प्रेस वार्ता में पत्रकारों से जाति पूछी है.