Haryana Govt Crisis: हरियाणा सरकार में शामिल तीन निर्दलीय विधायकों ने बीते मंगलवार को सरकार से समर्थन वापस ले लिया, जिसके चलते नायब सरकार अल्पमत में आ गई है. विधायक सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन और धर्मपाल गोंदर ने चुनाव के दौरान कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया है. इस सियासी घटनाक्रम से हरियाणा में राजनीतिक संकट के कयास लगाए जाने लगे. हालांकि, सरकार को 4 महीने तक कोई खतरा नहीं है. दरअसल, हरियाणा में इसी साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में विधानसभा चुनाव तक हरियाणा में अल्पमत की सरकार चलेगी.
इस बीच बीजेपी ने दावा किया है कि उनके पास 47 विधायकों का समर्थन है. हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार को कोई दिक्कत नहीं हैं. सरकार पूरी मजबूती से काम कर रही है. कांग्रेस के लोग जानबूझकर भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं कि सरकार अल्पमत में है.
हरियाणा सरकार को कोई दिक्कत नहीं हैं: सीएम नायब सैनी
#WATCH सिरसा: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, "कांग्रेस की सोच रही है ये इच्छाएं पूरी करते हैं। पहले भी लोगों ने देखा है कि जब लोकसभा में इनको लगता था कि इनकी सरकार दिक्कत में है तब ये कुछ लोगों की इच्छाएं पूरी करते हुए घूमते थे...हरियाणा सरकार को कोई दिक्कत नहीं… pic.twitter.com/TkUCwt1dUN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 8, 2024
कई विधायक हमारे संपर्क में हैं: मनोहर लाल खट्टर
वहीं इस मामले पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि चुनावी मौसम के बीच कौन कहां जा रहा है, इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. कई विधायक हमारे संपर्क में हैं. किसी को इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए. दरअसल, तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने पर कांग्रेस ने हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लागू करने और सीएम नायाब सिंह सैनी के इस्तीफे की मांग कर दी थी.
हरियाणा में बहुमत साबित करने का लिए क्या है जादुई आंकड़ा?
हरियाणा विधानसभा में कुल 88 सदस्य हैं. इसलिए बहुमत का आंकड़ा 45 है. मौजूदा समय में सैनी सरकार के पास 43 विधायकों का समर्थन है. इनमें एक HLP और 2 निर्दलीय विधायक शामिल हैं. इसका मतलब यह है कि बीजेपी सरकार को बहुमत के लिए सिर्फ 2 विधायकों की जरूरत है. हालांकि, बीजेपी का दावा है कि उसके अपने 40 विधायक, दो निर्दलियों, JJP के 4 विधायक और गोपाल कांडा को मिलाकर कुल 47 विधायक हैं.