IPS विजय कुमार बन सकते हैं जम्‍मू-कश्‍मीर के नए L-G, वीरप्‍पन को ढेर करने वाले ऑपरेशन में थे शामिल, दिनेश्वर शर्मा भी रेस में

जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के मोदी सरकार के फैसले के बाद अब केंद्र लेफ्टिनेंट गवर्नर के पद के लिए नामों पर विचार कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के लेफ्टिनेंट गवर्नर पद के लिए रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर विजय कुमार और केंद्र सरकार के विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा का नाम सबसे आगे चल रहा है.

दिनेश्वर शर्मा और आईपीएस विजय कुमार (Photo Credits: PTI)

जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के मोदी सरकार के फैसले के बाद अब केंद्र लेफ्टिनेंट गवर्नर (L-G) के पद के लिए नामों पर विचार कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) के लेफ्टिनेंट गवर्नर पद के लिए रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर विजय कुमार (Vijay Kumar) और केंद्र सरकार के विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा (Dineshwar Sharma) का नाम सबसे आगे चल रहा है. बता दें कि विजय कुमार तमिलनाडु कैडर के 1975 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं. वहीं, दिनेश्वर शर्मा इंटेलिजेंस ब्‍यूरो (IB) के निदेशक रह चुके हैं.

साल 2018 में आईपीएस विजय कुमार को आईएएस अधिकारी बी. बी. व्यास के साथ जम्मू और कश्मीर राज्य के राज्यपाल का सलाहकार बनाकर भेजा गया था. आईपीएस विजय कुमार ने इससे पहले गृह मंत्रालय में वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार का पद भी संभाला है. आईपीएस विजय कुमार को चंदन तस्कर वीरप्पन (Veerappan) के एनकाउंटर के लिए भी जाना जाता है. दरअसल, आईपीएस विजय कुमार कुमार की ही अगुआई में साल 2004 में कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन को एनकाउंटर में मार गिराया गया था.

आईपीएस विजय कुमार ने 1998 से 2001 तक बीएसएफ के आईजी के तौर पर कश्मीर घाटी में अपनी सेवाएं दी हैं. आईबी के निदेशक रह चुके दिनेश्वर शर्मा को साल 2017 में जम्मू कश्मीर में वार्ता के लिए केंद्र का विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था. यह भी पढ़ें- NSA अजीत डोभाल से सीख लेते हुए जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अपने अधिकारियों को दिया निर्देश, घर-घर जाकर लोगों से करें बातचीत

गौरतलब है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को अपनी मंजूरी दे दी. हाल ही में 17वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में इससे संबंधित विधेयक पारित किया गया था. इसके तहत जम्मू और कश्मीर राज्य दो भागों में विभाजित होगा. जम्मू और कश्मीर को विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश जबकि लद्दाख को बिना विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है.

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