
तेलंगाना की कांग्रेस पार्टी में इन दिनों अंदरूनी मतभेद और असंतोष की खबरें सामने आ रही हैं. पार्टी के 10 विधायकों ने हाल ही में एक गुप्त बैठक की, जिससे पार्टी नेतृत्व के बीच चिंता बढ़ गई है. यह बैठक विधायक अनिरुद्ध रेड्डी के फार्महाउस पर हुई, जिसमें कई वरिष्ठ विधायक शामिल थे. इस बैठक के बाद पार्टी में बढ़ते असंतोष को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं.
मुख्यमंत्री की चिंता और बैठक
मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए अपने सभी मंत्रियों के साथ एक बैठक बुलाई है. इस बैठक में असंतुष्ट विधायकों की शिकायतों को सुनने और उन्हें शांत करने की कोशिश की जाएगी. खासतौर पर मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी से नाराज विधायकों की बातचीत पर ध्यान दिया जाएगा. मौके की नजाकत को देखते हुए, पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी ने अपना पलेयर दौरा रद्द कर दिया है और बैठक में शामिल होने का फैसला किया है.
क्या है विधायकों की मांग?
असंतुष्ट विधायकों की मांगें स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि वे पार्टी के भीतर अपनी भूमिका और प्रतिनिधित्व को लेकर नाखुश हैं. कुछ विधायकों का मानना है कि उनकी उपेक्षा की जा रही है और उन्हें पर्याप्त महत्व नहीं दिया जा रहा है.
पार्टी आलाकमान की चिंता
कांग्रेस आलाकमान को चिंता है कि स्थानीय निकाय और एमएलसी चुनाव से पहले विधायकों का असंतोष पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है. अगर विधायक बगावत की राह पर चले गए, तो इससे जनता में गलत संदेश जा सकता है.
क्या कहते हैं कांग्रेस नेता?
इस बैठक को लेकर कांग्रेस के नागरकर्नूल सांसद मल्लू रवि ने सफाई देते हुए कहा कि यह सिर्फ एक डिनर मीटिंग थी. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल इसे तूल देने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने सभी विधायकों से व्यक्तिगत रूप से बात की है और बगावत की कोई संभावना नहीं है.
तेलंगाना कांग्रेस में यह अंदरूनी कलह पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है. मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और पार्टी नेतृत्व को इस स्थिति को संभालने के लिए सूझबूझ से काम करने की जरूरत है. आने वाले दिनों में इस मामले में और विकास होने की उम्मीद है.