प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज महाराष्ट्र के धुले में जैन संत और पद्मभूषण से सम्मानित जैनाचार्य रत्नसुंदरसुरी महाराज से मुलाकात की. यह मुलाकात प्रधानमंत्री के राज्य में चुनावी रैलियों के दौरान हुई. पीएम मोदी ने X पर अपनी पोस्ट में लिखा, "धुले में जैनाचार्य रत्नसुंदरसुरी महाराज से मिला. उनका समाज सेवा और आध्यात्मिकता के प्रति योगदान सराहनीय है. वे अपनी लेखन क्षमता के लिए भी प्रसिद्ध हैं."
जैनाचार्य रत्नसुंदरसुरी महाराज का योगदान
जैनाचार्य रत्नसुंदरसुरी महाराज का जन्म 5 जनवरी 1948 को हुआ था. उन्होंने आध्यात्मिकता और धर्म पर 400 से अधिक किताबें लिखी हैं. इस साल जनवरी में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जैनाचार्य की 400वीं पुस्तक का विमोचन किया और उनसे आशीर्वाद लिया.
प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में जैनाचार्य की 300वीं पुस्तक "मारु भारत, सरु भारत" का विमोचन किया था, जो गुजराती और हिंदी में लिखी गई थी. इसके बाद, 2017 में उन्हें पद्मभूषण, भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान से नवाजा गया, जो उनके आध्यात्मिकता के क्षेत्र में योगदान को सराहते हुए दिया गया था.
In Dhule, met Jainacharya Ratnasundersurishwarji Maharaj Saheb. His contribution towards social service and spirituality is commendable. He is also admired for his prolific writing. pic.twitter.com/GaohGs96Ef
— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2024
चुनावी प्रचार में पीएम मोदी की आक्रामक रणनीति
प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र में अपनी चुनावी यात्रा की शुरुआत आज धुले से की. इस दौरान, उन्होंने महा विकास आघाडी (MVA) पर जमकर हमला बोला और कहा कि MVA एक ऐसी गाड़ी है जिसके न तो पहिए हैं और न ही ब्रेक्स, और वहां यह लड़ाई केवल ड्राइवर की सीट पर बैठने की है.