LJP Crisis: तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान को दी सलाह, कहा- गोलवलकर के विचारों के खिलाफ लड़ाई में हों शामिल, तभी पिता की विरासत बढ़ेगी आगे
तेजस्वी यादव और चिराग पासवान (Photo Credits PTI)

पटना: लोक जनशक्ति पार्टी को दो गुटों में बंटने के बाद भतीजे चिराग पासवान और चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच पार्टी पर किसका असली हक है. दोनों नेताओं की बीच सियासी घमासान जारी हैं. एक दिन पहले शनिवार को चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की तारीफ करते उन्हें अपना छोटा भाई बताने के साथ ही अपना दोस्त बताया था. वही रविवार को तेजस्वी यादव का चिराग पासवान को लेकर एक बयान आया है. उन्होंने अपने बयान में चिराग को सलाह देते हुए कहा- वे गोलवलकर के विचारों के खिलाफ लड़ाई में शामिल हो.

तेजस्वी यादव ने कहा कि एम एस गोलवलकर (M S Golwalkar) के विचारों के खिलाफ लड़ाई में शामिल होकर ही चिराग पासवान अपने पिता रामविलास पासवान की विरासत को आगे बढ़ा सकते हैं. तेजस्वी ने कहा कि आरजेडी ने बिहार में उनके योगदान को याद रखने के लिए 'दलित मसीहा' रामविलास पासवान की जयंती मनाने का फैसला किया है. वहीं तेजस्वी ने इस दौरान सीएम नीतीश कुमार पर तंज सकते हुए कहा कि जिन लोगों ने एलजेपी को विभाजित किया है उन सभी ने चुनाव में चिराग के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. यह भी पढ़े: LJP Crisis: चिराग पासवान का BJP को लेकर छलका दर्द, कहा- मुश्किल समय में नहीं मिला साथ

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय जनता दल उनकी पार्टी हमेशा राम विलास पासवान के साथ खड़ी है और उन्होंने उस वक्त को याद किया जब एलजेपी के पास एक भी विधायक नहीं था और पासवान 2009 में लोकसभा चुनाव हार गए थे. ऐसे समय मेंलालू प्रसाद यादव ने ही उन्हें राष्ट्रीय जनता दल के कोटे से राज्यसभा भेजा था.

बता दें कि पिछले साल बिहार विधानसभा चुनाव में एलजेपी को करीब 6 प्रतिशत वोटमिले थे. ऐसे में चिराग पासवान के बयान के बाद तेजस्वी यादव के बयान के मायने यह निकाले जा रहे हैं कि तेजस्वी यादव की नजर दलित और पिछड़े वोटबैंक पर है. ऐसे में बिहार में  यदि चिराग के पास जो 6 फीसदी पासवान वोट बैंक है उसको अपनी ओर मोड़ा जाए.  ताकि अगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उसका फायदा आरजेडी को मिल सके.