Ghosi Lok Sabha Constituency: उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा सीटों में से एक घोसी संसदीय क्षेत्र भी है. उत्तर प्रदेश की घोसी लोकसभा सीट राजनीति में दिग्गज कांग्रेसी नेता रहे कल्पनाथ राय के नाम से पहचानी जाती है. घोसी से सांसद रहते हुए मऊ को जिला बनाने के लिए लंबा संघर्ष किया और उन्हें इसमें सफलता भी हासिल हुई. घोसी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता हरिनारायण राजभर सांसद है. जहां उन्होंने बसपा के दिग्गज नेता दारा सिंह को हराकर जीत का परचम लहराया था. बात 2019 की करें तो यहां से भारतीय जनता पार्टी ने हरीनारयण राजभर को दुबारा मैदान में उतारा है. तो वहीं बसपा ने अतुल राय पर दांव खेला है. बता दें कि अतुल राय बाहुबली मुख्तार अंसारी करीबी कहा जाता है. वहीं कांग्रेस ने बालकृष्ण चौहान और सीपीआई अतुल कुमार अंजान पर किला फतेह करने भेजा है.
कभी घोसी कम्युनिस्ट पार्टी का गढ़ भी हुआ करता था. 1957 से अब तक 16 बार हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को महज 4 बार जीत मिली. जबकि पांच पर यहां पर सीपीआई का परचम लहराया. साल 1977 में यहां जनतादल का खाता खुला लेकिन सीपीआई ने 1980 में एक बार फिर से वापसी की. 1989 में कल्पनाथ राय ने जीत दर्ज की थी. उसके बाद यहां 1991, 1996 और 1998 में भी सांसद रहे. घोसी में बीएसपी का खाता 1999 में खुला और बालकृष्ण चौहान जीते. जिसके बाद 2004 में सपा के चंद्रदेव प्रसाद राजभर ने जीत दर्ज की और 2009 में बीएसपी दारा सिंह चौहान जीते.
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घोषी लोकसभा सीट में कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं,मधुबन, घोसी, मुहम्मदाबाद गोहना, मऊ और रसड़ा. इनमें रसड़ा सीट बलिया जिले में आती है.
आबादी
2011 जनगणना के आधार पर घोसी संसदीय क्षेत्र की आबादी 4.7 लाख है. जिमसें 50% पुरुष हैं और महिलाओं की संख्या भी तकरीबन यही है. जाती की बात करें तो यहां 87.29 फीसदी लोग हिंदू हैं तो 12.41 फीसदी लोग मुस्लिम समुदाय से हैं.
गौरतलब हो कि इस बार के चुनाव में तकरीबन 90 करोड़ मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे. इस बार के लोकसभा की 543 सीटों के लिए मतदान 11 अप्रैल, 18, 23, 29 अप्रैल और 6, 12 मई तक हो चूका है वहीं 19 मई अंतिम चरण का चुनाव होंगे हैं और मतगणना 23 मई को की जाएगी.