Farmers Protest: सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर बोला हमला, कहा- पहली बार ऐसी अहंकारी सरकार सत्ता में आई
सोनिया गांधी (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली, 3 जनवरी: केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा देश में लागू किए गए नए कृषि कानूनों को लेकर कई राज्यों में किसानों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. इस बीच कांग्रेस (Congress) की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने किसानों के पक्ष में मौजूदा सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि आजादी के बाद से पहली बार ऐसी अहंकारी सरकार सत्ता में आई है, जिसे अन्नदाताओं की पीड़ा दिखाई नहीं दे रही है. साथ ही, उन्होंने नए कृषि कानूनों को बिना शर्त तुरंत वापस लेने की मांग की है.

सोनिया गांधी ने इस दौरान एक वक्तव्य जारी करते हुए कहा कि, 'हाड कंपकपाती ठंड और बरसात में दिल्ली की सीमाओं पर अपनी मांगों के समर्थन में 39 दिनों से संघर्ष कर रहे अनदाताओं की हालत देखकर देशवासियों सहित मेरा मन भी बहुत व्यथित है.'

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उन्होंने वक्तव्य में आगे कहा, 'आंदोलन को लेकर सरकार की बेरुखी के चलते अब तक 50 से अधिक किसान जान गवां चुके हैं. कुछ ने तो सरकार की उपेक्षा के चलते आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लिया. पर बेरहम मोदी सरकार का न तो दिल पसीजा और न ही आज तक प्रधानमंत्री या किसी भी मंत्री के मुंह से सांत्वना का एक शब्द निकला. मैं सभी दिवंगत किसान भाईयों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रभु से उनके परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करती हूं.'

उन्होंने कहा, 'आजादी के बाद देश के इतिहास की यह पहली ऐसी अहंकारी सरकार सत्ता में आई है जिसे आम जनता तो दूर, देश का पेट भरने वाले अनदाताओं की पीड़ा और संघर्ष भी दिखाई नहीं दे रहा. लगता है कि मुट्ठी भर उद्योगपति और उनका मुनाफा सुनिश्चित करना ही इस सरकार का मुख्य एजेंडा बनकर रह गया है.'

उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र में जनभावनाओं की उपेक्षा करने वाली सरकारें और उनके नेता लंबे समय तक शासन नहीं कर सकते. अब यह बिल्कुल साफ है कि मौजूदा केंद्र सरकार की 'थकाओ और भगाओ की नीति के सामने आंदोलनकारी घरती पुत्र किसान-मजदुर घुटने टेकने वाले नहीं हैं.'

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उन्होंने आगे कहा, 'अब भी समय है कि मोदी सरकार सत्ता के अहंकार को छोड़कर तत्काल बिना शर्त तीनों काले कानून वापस ले और ठंड एवं बरसात में दम तोड़ रहे किसानों का आंदोलन समाप्त कराए. यही राजधर्म है और दिवंगत किसानों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि भी. मोदी सरकार को यह याद रखना चाहिए कि लोकतंत्र का अर्थ ही जनता एवं किसान-मजदुर हितों की रक्षा करना है. जयहिंद!'