Free Wi-Fi to Protesting Farmers: सिंघु बॉर्डर पर किसानों के लिए फ्री वाई फाई हॉटस्पॉट लगाएगी आप सरकार
सीएम अरविंद केजरीवाल (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली, 29 दिसंबर. दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों की सुविधा के लिए दिल्ली सरकार वाई फाई हॉटस्पॉट लगाएगी. आम आदमी पार्टी के मुताबिक, कई किसानों ने सिंघु बॉर्डर पर कमजोर नेटवर्क, खराब कनेक्टिविटी की शिकायत की थी. आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढ़ा ने कहा, "अरविंद केजरीवाल ने एक महत्वपूर्ण सेवा की शुरुआत की है और वो है फ्री वाई फाई की सेवा, ताकि किसान अपने प्रियजनों से बात कर पाएं. किसानों की मांग हम तक पहुंचाई गई कि सिंघु बॉर्डर पर कमजोर नेटवर्क की वजह से किसान अपने घर-परिवार के लोगों से बात नहीं कर पा रहे हैं."

चड्ढा ने कहा, "जैसे ही ये शिकायत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी को मिली कि किसान कमजोर नेटवर्क की वजह से अपने घर-परिवार के लोगों को देख नहीं पा रहे हैं, वीडियो कॉल नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने तुरंत इस पर एक्शन लिया। उनके निर्देशानुसार इस दिशा में काम शुरू किया गया. कड़ाके की इस ठंड में आंदोलन कर रहे किसानों को जितने भी वाईफाई हॉटस्पॉट की जरूरत पड़ेगी, उतने हॉटस्पॉट सिंघु बॉर्डर पर लगाए जाएंगे. अच्छे नेटवर्क की जरूरत पर बात करते हुए राघव चड्ढ़ा ने कहा कि "रोटी, कपड़ा और मकान, जीवन के लिए ये 3 सबसे जरूरी चीजें होती हैं, लेकिन आज की इस दुनिया में एक और चीज इसमें जुड़ गई है और वो है इंटरनेट। इस जरूरत को पूरा करने के लिए आम आदमी पार्टी ने फैसला किया है कि सिंघु बॉर्डर पर जहां-जहां हमारे किसान भाई मांग करेंगे, हम वहां फ्री वाई फाई हॉटस्पॉट लगाने की सेवा देंगे, ताकि किसान अपने परिवार के लोगों से बात कर पाएं." यह भी पढ़ें-Farmers Protest: किसानों के साथ बातचीत से पहले केंद्र के रुख में नरमी, कैलाश चौधरी ने कहा-कल जो वार्ता होगी हम एक समाधान तक पहुंचेंगे

आम आदमी पार्टी के मुताबिक, करीब 1 महीने से किसान इस कड़ाके की ठंड में आंदोलन कर रहे हैं। उनके परिवारों को भी उनकी चिंता होती है और वो भी अपने परिवार के लोगों से बात करना चाहते हैं, लेकिन कमजोर नेटवर्क की वजह से वो अपने प्रियजनों से बात नहीं कर पा रहे हैं, अपने बच्चों को देख नहीं पा रहे हैं. इससे पहले प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार शाम दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पहुंचे थे. किसानों के बीच पहुंचकर मुख्यमंत्री ने केंद्रीय कृषि कानूनों को काला कानून कहा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की यह आंदोलन अब आर-पार की लड़ाई हो चुका है.

सिंघु बॉर्डर पहुंचकर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा था, "किसान अपनी खेती बचाने के लिए कड़ाके की ठंड में बैठे हैं. भाजपा का एक भी मंत्री और नेता नहीं है, जो इन कानूनों के फायदे बता सके.