नई दिल्ली, 15 दिसम्बर : मोदी सरकार में मंत्री रामदास आठवले (Ramdas Athawale) ने कहा है कि तीनों कानूनों को वापस लेने से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों का ही होगा. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी को आंदोलन करने का अधिकार है. किसी भी आंदोलन का हल दोनों पक्षों के दो-दो कदम पीछे हटने से निकलता है, लेकिन लगता है कि किसान नेता ही आंदोलन का हल नहीं चाहते. जबकि जरूरी संशोधनों के लिए राजी होकर केंद्र सरकार ने सकारात्मक रुख दिखाया है. अब किसान नेताओं को भी समझौता के लिए राजी होना चाहिए. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि किसानों के बलबूते पर दो बार प्रधानमंत्री बनने वाले नरेंद्र मोदी आखिर क्यों किसानों के खिलाफ कोई कानून लाएंगे?
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में कहा, "किसान आंदोलन का हल निकल सकता है. लेकिन किसानों के नेता ही तैयार नही हैं. आंदोलनकर्ता और सरकार के बीच जब बातचीत होती है तो दोनों पक्षों को दो-दो कदम पीछे हटना होता है. तभी बीच का रास्ता निकलने से समाधान होता है. लेकिन आंदोलन के राजनीति होने के कारण गतिरोध उत्पन्न हो गया है." यह भी पढ़ें :Kisan Mazdoor Sangharsh Committee Protest: बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने किसान आंदोलन पर दिया बयान, कहा- किसानों को विश्वास में लेकर लेना चाहिए था निर्णय
केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने आंदोलन का कनेक्शन कुछ संगठनों से जोड़ते हुए कहा कि, "इससे देश भर के किसानों का कोई लेना-देना नहीं है. यहां तक कि पंजाब के भी सभी किसानों का समर्थन इस आंदोलन को नहीं है."
केंद्रीय मंत्री ने किसान नेताओं से अपने रुख में नरमी लाते हुए बातचीत के जरिए आंदोलन का समाधान निकालने पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "सरकार संशोधन करने के लिए तैयार है. इसके बावजूद भी अगर किसान नेता नई-नई मांगें जोड़कर अड़ियल रवैया अपनाते रहेंगे तो किसानों का ही नुकसान करेंगे. मुझे लगता है कि यह किसान विरोधी आंदोलन है."
महाराष्ट्र के राज्यसभा सांसद और एनडीए के सहयोगी दल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया(ए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदास आठवले ने कहा कि, "उन्हें ठंड में कई दिनों से दिल्ली सीमा पर आंदोलनरत आम किसानों के साथ पूरी सहानुभूति है. सरकार भी किसानों की परेशानी पर संजीदा है. सरकार की तरफ से प्रस्ताव दिया जा रहा है, इस प्रस्ताव पर भी किसान नेताओं को सकारात्मक रूप से विचार करना चाहिए." यह भी पढ़ें : Kisan Mazdoor Sangharsh Committee Protest: बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने किसान आंदोलन पर दिया बयान, कहा- किसानों को विश्वास में लेकर लेना चाहिए था निर्णय
उन्होंने कहा, "जब नरेंद्र मोदी किसानों के बलबूते पर दो बार प्रधानमंत्री बने हैं, तो वो किसानों के खिलाफ क्यों बिल लाएंगे? किसानों की आमदनी दोगुनी हो. अगर बाहर कोई बेचना चाहता है, उनको अधिकार मिले. इन सब बिंदुओं को देखते हुए किसानों के हित में ही तीनों नए कृषि कानून लाए गए हैं."
नए कानून में मंडी बंद करने का कोई प्रावधान नहीं है. एमएसपी पहले की तरह चालू रहेगी. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बैठकों के जरिए यही बातें कही हैं. सरकार की भूमिका किसानों की मदद करने की है. किसान नेताओं को भी किसी कंप्रोमाइजिंग फॉर्मूले पर आना चाहिए.