दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख नेता कैलाश गहलोत ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. गहलोत ने अपने इस्तीफे का पत्र पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को भेजा, जिसमें उन्होंने अपनी नाराजगी और पार्टी के आंतरिक विवादों का जिक्र किया.
पत्र में गहलोत ने कहा, "अब यह स्पष्ट है कि दिल्ली सरकार के लिए असली प्रगति नहीं हो सकती अगर दिल्ली सरकार का अधिकांश समय केंद्र सरकार से लड़ने में ही बीत जाए. इसके अलावा, 'शीशमहल' जैसी विवादित घटनाएं भी पार्टी की छवि पर सवाल उठाती हैं. इन सबके बाद मुझे यह महसूस हुआ कि अब मेरे पास पार्टी से हटने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है."
कैलाश गहलोत के इस इस्तीफे ने दिल्ली की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है, क्योंकि वे पहले दिल्ली सरकार में मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे हैं. इस फैसले के पीछे उनका यह तर्क था कि पार्टी के भीतर जो विवाद और असहमति की स्थिति बनी हुई है, उसके कारण अब वह पार्टी के साथ नहीं रह सकते.
Delhi Minister and AAP leader Kailash Gahlot resign from primary membership of Aam Aadmi Party; writes to party national convenor Arvind Kejriwal.
The letter reads, "There are many embarrassing and awkward controversies like the 'Sheeshmahal', which are now making everyone doubt… https://t.co/NVhTjXl1c2 pic.twitter.com/rOJnVlcX2q
— ANI (@ANI) November 17, 2024
यह इस्तीफा आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि गहलोत दिल्ली की राजनीतिक धारा में एक अहम नाम हैं. उनका इस्तीफा दिल्ली की राजनीति में अगले कुछ दिनों में और भी नए मोड़ ला सकता है, खासकर तब जब दिल्ली में आगामी चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं.
गहलोत का यह कदम दिल्ली के राजनीतिक समीकरण को बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण हो सकता है, और इसके बाद यह देखना होगा कि पार्टी और उनके समर्थक इस फैसले को किस तरह से देखते हैं.