दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) के विशेष सत्र में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NPR) के खिलाफ प्रस्ताव पास हो गया है. इस दौरान दिल्ली विधानसभा में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं केंद्र से NPR और NRC वापस लेने का आग्रह करता हूं. केजरीवाल ने सवाल किया, मेरे, मेरे पत्नी, मेरे पूरे कैबिनेट के पास नागरिकता साबित करने के लिए जन्म प्रमाण पत्र नहीं है. क्या हमें निरोध केंद्र भेजा जाएगा? केजरीवाल ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों वे दिखाएं कि क्या उनके पास सरकारी एजेंसियों द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र हैं?. वहीं केजरीवाल ने विधानसभा में विधायकों से कहा कि यदि उनके पास जन्म प्रमाण पत्र हैं, तो वे हाथ उठाएं. इसके बाद दिल्ली विधानसभा के 70 सदस्यों में से केवल नौ विधायकों ने हाथ उठाए.
बता दें कि यह प्रस्ताव दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पेश किया था. इस प्रस्ताव के माध्यम से केंद्र सरकार को एनपीआर और एनआरसी के बीच संबंध स्पष्ट करने को कहा गया है. प्रस्ताव के जरिए एनपीआर का विरोध करते हुए गोपाल राय ने कहा, एनपीआर और एनआरसी को अलग करके नहीं देखा जा सकता. ये दोनों कानून एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. एनपीआर और एनआरसी सिर्फ किसी एक समुदाय को धोखा नहीं हैं, बल्कि भारत के हर एक नागरिक की नागरिकता को धोखा है.
सीएम केजरीवाल ने कहा:-
Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal: I support the resolution against National Population Register (NPR) and National Register of Citizens (NRC) and they should not be implemented in Delhi. https://t.co/b74pVmp31o pic.twitter.com/4WInHhZxlH
— ANI (@ANI) March 13, 2020
इस दौरान आप विधायक राघव चड्ढा ने कहा, असम में एनआरसी की प्रक्रिया के तहत 19 लाख लोग बाहर हुए हैं. उसमें पांच लाख मुस्लिम और 14 लाख हिंदू हैं. एनपीआर और एनआरसी हर भारतीय के लिए बड़ा धोखा है. राघव ने कहा, अगर आपके पास जन्म प्रमाण-पत्र नहीं है तो चाहे आप किसी भी धर्म के हों, आपको डिटेंशन सेंटर में डाल दिया जाएगा. आपको इस देश का नागरिक नहीं माना जाएगा. ( एजेंसी इनपुट)