दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020: पीएम मोदी ने केजरीवाल पर कसा तंज, कहा- आज भी जनता को है लोकपाल का इंतजार, शाहीन बाग पर कही ये बात
बीजेपी ने इस बार के चुनाव में जीत के लिए एड़ी चोटी का बल लगा दिया है. बीजेपी की कमान इस बार चाणक्य कहे जाने वाले गृहमंत्री अमित शाह के हांथो में है. जीत के लिए बीजेपी के स्टार प्रचारक ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं. इसी बीच पीएम मोदी ने दिल्ली के कड़कड़डूमा में संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर हमला किया. पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का भारत, नफ़रत की राजनीति से नहीं, विकास की राष्ट्रनीति से चलेगा. विकास की यही राष्ट्रनीति देश को गति भी देती और देश को नई उंचाई पर भी ले जाती है. पीएम मोदी ने इस दौरान विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि 20 साल बहुत कुछ आपने देख लिया है, बहुत बर्बादी आप देख चुके हैं, अब एक ही रास्ता बचा है. अब दिल्ली में बीजेपी का आना बहुत जरूरी है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020:- बीजेपी ने इस बार के चुनाव में जीत के लिए एड़ी चोटी का बल लगा दिया है. बीजेपी की कमान इस बार चाणक्य कहे जाने वाले गृहमंत्री अमित शाह के हांथो में है. जीत के लिए बीजेपी के स्टार प्रचारक ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं. इसी बीच पीएम मोदी ने दिल्ली के कड़कड़डूमा में संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर हमला किया. पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का भारत, नफ़रत की राजनीति से नहीं, विकास की राष्ट्रनीति से चलेगा. विकास की यही राष्ट्रनीति देश को गति भी देती और देश को नई उंचाई पर भी ले जाती है. पीएम मोदी ने इस दौरान विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि 20 साल बहुत कुछ आपने देख लिया है, बहुत बर्बादी आप देख चुके हैं, अब एक ही रास्ता बचा है. अब दिल्ली में बीजेपी का आना बहुत जरूरी है.
पीएम मोदी ने कहा कि CAA से हिंदुओं, सिखों और ईसाईयों को नागरिकता का अधिकार कितने साल बाद मिला? -70 साल बाद. शहीद जवानों के लिए देश में नेशनल वॉर मेमोरियल कितने साल बाद बना? - 50-60 साल बाद के बाद बना. 84 के सिख नरसंहार में दोषियों को सज़ा कितने साल बाद मिली?34 साल बाद. वायुसेना को नेक्स्ट जनरेशन लड़ाकू विमान कितने साल बाद मिला? 35 साल बाद. बेनामी संपत्ति कानून कितने साल बाद लागू हुआ? 28 साल बाद. पहली बार लाल बत्ती के रौब से देश के लोगों को मुक्ति मिली है. सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण का अधिकार मिला. 5 लाख रुपए तक की आय पर इनकम टैक्स ज़ीरो हुआ. पहली बार, काले धन की हेरा-फेरी करने वाली साढ़े 3 लाख संदिग्ध कंपनियों को ताला लगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली को लोकपाल अभी तक नहीं मिला.
पीएम मोदी ने कहा जब दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनेगी, तो देशभर में हम जो काम कर रहे हैं, वो काम हम दिल्ली में भी आसानी से कर पाएंगे. जब तक ये लोग बैठे रहेंगे, तब तक ये दिल्ली के लोगों की भलाई के कामों में रोड़े अटकाते ही रहेंगे, रुकावट डालते रहेंगे. क्योंकि वो सिवाय राजनीति के कुछ जानते ही नहीं हैं. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली के लोगों ने सातों सीटें बीजेपी को देकर बता दिया कि वो किस दिशा में सोच रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा
देश बदलने में दिल्ली के लोगों ने बहुत मदद की है. अब दिल्ली के लोगों का वोट अपनी दिल्ली को भी बदलेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की भर्तियों में इंटरव्यू खत्म करने से करप्शन पर चोट हुई, अब एक ही कॉमन ऑनलाइन एग्ज़ाम से एक ही परीक्षा ली जाएगी और उसके आधार पर ही, अलग-अलग सेवाओं में जाने का रास्ता खुलेगा.इसके लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी का गठन किया जा रहा है.
शाहीन बाग पर बोले पीएम मोदी
एक समय था जब दिल्ली में आए दिन आतंकी हमलों की वजह से, बम धमाकों में निर्दोष लोग मारे जाते थे. देश के सुरक्षाबलों और दिल्ली के लोगों की सतर्कता से अब ये हमले होने रुक गए हैं. लेकिन याद करिए, जब इन्हीं हमलों के गुनहगारों को दिल्ली पुलिस ने बाटला हाउस में मार गिराया, तो उसे फर्जी एनकाउंटर कहा गया था. यही वो लोग हैं जिन्होंने बाटला हाउस में आतंकियों को मारने पर दिल्ली पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. लेकिन याद करिए, जब इन्हीं हमलों के गुनहगारों को दिल्ली पुलिस ने बाटला हाउस में मार गिराया, तो उसे फर्जी एनकाउंटर कहा गया था. यही वो लोग हैं जिन्होंने बाटला हाउस में आतंकियों को मारने पर दिल्ली पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
यही वो लोग हैं जो भारत के टुकड़े-टुकड़े करने की इच्छा रखने वालों को आज तक बचा रहे हैं. क्या दिल्ली के लोग ये भूल सकते हैं? इसकी वजह क्या थी? वोटबैंक की राजनीति, तुष्टिकरण की राजनीति. सीलमपुर हो, जामिया हो या फिर शाहीन बाग, बीते कई दिनों से सिजिटनशिप अमेंडमेंट बिल को लेकर प्रदर्शन हुए हैं. क्या ये प्रदर्शन सिर्फ एक संयोग हैं? नहीं. इसके पीछे राजनीति का एक ऐसा डिजायन है, जो राष्ट्र के सौहार्द को खंडित करने वाला है. सीलमपुर हो, जामिया हो या फिर शाहीन बाग, बीते कई दिनों से सिजिटनशिप अमेंडमेंट बिल को लेकर प्रदर्शन हुए हैं. क्या ये प्रदर्शन सिर्फ एक संयोग हैं? नहीं. इसके पीछे राजनीति का एक ऐसा डिजायन है, जो राष्ट्र के सौहार्द को खंडित करने वाला है.