नई दिल्ली, 15 अक्टूबर. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली के वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ‘युद्ध, प्रदूषण के विरुद्ध’ अभियान के तहत ‘रेड लाइट ऑन, गाडी ऑफ’ अभियान शुरूआत की. मुख्यमंत्री ने दिल्लीवासियों से अपील करते हुए कहा कि रेड सिग्नल पर अपने वाहन बंद रख कर प्रदूषण कम करने में अपना योगदान दें, इससे ईंधन की भी बचत होगी. दिल्ली में करीब एक करोड़ वाहन पंजीकृत हैं. यदि रेड सिग्नल पर रोज 10 लाख वाहन बंद होते हैं, तो एक साल में पीएम-10 करीब 1.5 टन और पीएम-2.5 करीब 0.4 टन कम उत्सर्जित होगा. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आँफिस आने-जाने में एक गाड़ी रेड सिग्नल पर रोज औसतन 15 से 20 मिनट रूकती है और करीब 200 मिली. तेल की खपत होती है, यदि गाड़ी बंद रखी जाए, तो साल में करीब 7000 रुपए की बचत हो सकती है. सर्दियों में रेड लाइट पर आइडलिंग के दौरान गाड़ी से निकलने वाला धुंआ नीचे बैठ जाता है, जो प्रदूषण को बढ़ावा देता है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि दिल्ली का हर नागरिक प्रदूषण को कम करने में साथ दे, हम आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान भी शुरू करेंगे.’
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘दिल्ली आज से ‘रेड लाइट आँन, गाड़ी आँफ’ अभियान शुरू कर रही है. यह प्रदूषण से निपटने के लिए चलाए जा रहे ‘युद्ध, प्रदूण के विरुद्ध अभियान का एक हिस्सा है. हम सभी रेड लाइट पर अपने वाहन बंद करने का संकल्प लें. हर एक व्यक्ति का प्रयास प्रदूषण को कम करने में योगदान देगा.’’ यह भी पढ़ें-Delhi Air Quality Index: दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए एक्शन मोड में आईं CPCB की 50 टीमें, NCR में घूमकर हवा दूषित करने वाले सोर्स का लगाएंगी पता
दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए पिछले कुछ दिनों में हमने कई कदम उठाए हैं- सीएम अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है और हर साल इस समय आस-पड़ोस के राज्यों में पराली जलने की वजह से दिल्ली में जो धुंआ आता है, उसकी वजह से प्रदूषण बढ़ता है। हम देख रहे हैं कि आसपास के पड़ोसी राज्य में पराली जलने का फिर से सिलसिला चालू हो गया है। मैं समझता हूं कि दिल्ली में पराली का धुंआ पहुंचते- पहुंचते फिर भी कम हो जाता होगा, लेकिन जहां पर, जिन गांवों में पराली जलाई जलाने के लिए किसान मजबूर होते हैं, उन गांव में प्रदूषण का क्या हाल होता होगा? उन किसानों और उनके परिवारों का प्रदूषण से क्या हाल होता होगा? साल दर साल यही कहानी चलती आ रही है. पराली जलने की वजह से दिल्ली में जो धुंआ आ रहा है, हम उसके बारे में कुछ नहीं कर सकते हैं, लेकिन दिल्ली में अपने प्रदूषण को इस समय कम करने के लिए जो भी कदम हम उठा सकते हैं, हमें वह सभी कदम उठाने चाहिए। पिछले कुछ दिनों में हम लोगों ने प्रदूण को कम करने के लिए कई सारे कदम उठाए हैं. हमने एंटी डस्ट अभियान शुरू किया है, दिल्ली में पैदा होने वाली पराली को जलाने के लिए जरूरत न पड़े, उसके लिए हम पूसा रिसर्च इंस्टीट्यूटी द्वारा तैयार बाॅयो डीकंपोजर का इस्तेमाल शुरू किया है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पॉलिसी की घोषणा की है, ट्री ट्रांसप्लांटेशन पाॅलिसी की घोषणा की है, इस तरह के कई कदम उठाए हैं.
हम सभी रेड सिग्नल पर अपनी गाड़ी को बंद रखने का संकल्प लें- सीएम अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में आज से हम एक नया अभियान शुरू करने जा रहे हैं, उसमें आप सभी दिल्ली के निवासियों का हमें सहयोग चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग देखते हैं कि प्रतिदिन रेड सिग्नल पर जब हम अपनी गाड़ी खड़ी करते हैं, तो उस समय हम गाड़ी को बंद नहीं करते हैं, गाड़ी चलती रहती हैं। इसे आइडलिंग कहते हैं। जरा सोचिए कि इस आइडलिंग के समय गाड़ी से कितना धुंआ निकलता है? पूरी दिल्ली में करीब एक करोड़ वाहन पंजीकृत हैं, उसमें 30 से 40 लाख वाहन भी प्रतिदिन सड़कों पर आते हैं और वे हर रेड लाइट पर रुक कर धुंआ छोड़ते हैं, तो उससे कितना प्रदूषण पैदा होता है. हम आज से ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी आफ’ अभियान शुरू कर रहे हैं. हम सभी लोग आज एक संकल्प लेंगे कि अगर रेड सिग्नल मिलती है, तो उस हम अपनी गाड़ी को बंद कर देंगे, हम अपनी गाड़ी को रेड लाइट पर चालू नहीं रखेंगे.
आइडलिंग के दौरान ड्राइविंग से कहीं अधिक ईंधन की खपत होती है- सीएम अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जैसा कि दिल्ली में करीब एक करोड़ वाहन पंजीकृत है, अगर 10 लाख वाहन चालक भी सड़क पर उतरने के दौरान रेड सिग्नल पर अपनी गाड़ी को बंद करना शुरू कर दें, तो विशेषज्ञों के किए गए आंकलन के मुताबिक, साल भर में पीएम-10 की मात्रा 1.5 टन कम हो जाएगा और पीएम-2.5 की मात्रा 0.4 टन कम हो जाएगा और इससे आपको भी काफी फायदा होगा. विशेषज्ञों का कहना है कि जब हम रेड सिग्नल पर आइडलिंग (वाहन को चालू हालत में रखना) करते हैं, तो एक मिनट में जितना ईंधन खर्च होता है, वह ड्राइविंग के दौरान खर्च होने वाले ईंधन से ज्यादा होता है. सिर्फ 10 सेकेंड की आइडलिंग में अगर आप गाड़ी को बंद करके चालू करते हैं, तो उससे ज्यादा ईंधन 10 सेकेंड की आइडलिंग में खर्च होता है. इस तरह, अगर आप रेड सिग्नल पर गाड़ी को बंद करके फिर चालू करते हैं, तो इससे आपका ईंधन भी काफी बचेगा. साथ ही धुंआ भी नहीं निकलेगा और प्रदूषण भी पैदा नहीं होगा. विशेषज्ञों के मुताबिक, प्रतिदिन एक गाड़ी प्रतिदिन दफ्तर आने और जाने में औसतन 15 से 20 मिनट रेड लाइट पर बिताती है और उस 15 से 20 मिनट में एक गाड़ी लगभग 200 मिलीलीटर तेल की खपत करती है और अगर आप रेड सिग्नल पर अपनी गाड़ी बंद करना शुरू कर दें, तो 7000 रुपए आपके एक साल में बच सकते हैं.
मुझे उम्मीद है कि दिल्लीवासी हमारी इस मुहिम में पूरे दिल से शामिल होंगे- सीएम अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आइडलिंग का खासकर सर्दियों में ज्यादा नुकसान है। गर्मियों में धुंआ ऊपर चला जाता है, जिससे प्रदूषण ऊपर चला जाता है, लेकिन सर्दियों में धुंआ उपर नहीं जा पाता है और प्रदूषण जमीन के पास नीचे ही बैठ जाता है। इसलिए आप रेड सिग्नल पर जितना आइडलिंग करते हैं और उस दौरान गाड़ी से जो धुंआ निकलता है, वह वहीं बैठ जाता है और हमारे और हमारे परिवार के लिए काफी खतरनाक होता है. हम सब दिल्ली के लोगों ने मिलकर के पिछले 5 साल में 25 प्रतिशत प्रदूषण कम किया है. मुझे उम्मीद है कि आप सब लोग पूरे दिल से इस मुहिम में शामिल होंगे और मैं बस ड्राइवर, ऑटो ड्राइवर, टैक्सी ड्राइवर, व्यक्ति वाहन मालिक, स्कूटर व मोटरसाइकिल चालक समेत सभी से निवेदन करता हूं कि सभी लोग इस अभियान में शामिल होंगे. आने वाले समय में हम इस पर एक बड़ा जागरूकता अभियान चलाएंगे. हम चाहते हैं कि दिल्ली का हर नागरिक प्रदूषण कम करने की दिशा में साथ दें। अभी कोरोना कॉल है, कोरोना में वैसे भी लोग बहुत दुखी हैं और अगर प्रदूषण भी बहुत ज्यादा बढ़ गया, तो यह हम सब के लिए जानलेवा साबित हो सकता है.