राफेल विवाद: रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार की ओर से संभाला मोर्चा, राहुल गांधी को दिया करारा जवाब
संसद में राफेल डील को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच गंभीर बहस शुक्रवार को भी जारी रही. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित विपक्षी दलों के सवालों का जवाब देने के लिए रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने मोर्चा संभाला. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए तमाम आरोपों का सिलसिलेवार ढंग से जवाब दिया.
नई दिल्ली: संसद में राफेल डील (Rafale Deal) को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच गंभीर बहस शुक्रवार को भी जारी रही. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) सहित विपक्षी दलों के सवालों का जवाब देने के लिए रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मोर्चा संभाला. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए तमाम आरोपों का सिलसिलेवार ढंग से जवाब दिया. रक्षामंत्री ने कहा कि कांग्रेस झूठ बोलकर हंगामा कर रही. हमारी सरकार किसी भी सवाल का जवाब देने से नहीं डरती है.
लोकसभा में राफेल डील पर बहस के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा संवेदनशील मसला है. सरकार की प्राथमिकता सेना की मजबूती होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को रक्षा सौदे की गोपनीयता समझनी चाहिए. कांग्रेस राफेल पर देश को गुमराह कर रही है. कांग्रेस को तथ्यों से डर लग रहा है इसलिए मुझे जवाब देने से भी रोक रही है.
2022 तक आएंगे 36 राफेल विमान-
उन्होंने कहा कि पहला राफेल विमान 2019 यानि डील के 3 साल के भीतर आ जाएगा, जबकि कांग्रेस यह काम नहीं कर पाई. रक्षा मंत्री ने बताया कि 2022 तक सभी 36 राफेल विमान भारत आ जाएंगे. यूपीए के कार्यकाल में 10 साल तक करार की प्रक्रिया तक पूरी नहीं हो पाई, जबकि हमने 3 महीने में यह करके दिखाया है.
कांग्रेस बहा रही है घड़ियाली आंसू-
निर्मला सीतारमन ने राहुल गांधी के आरोपों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि राफेल डील को लेकर एचएएल पर कांग्रेस घड़ियाली आंसू बहा रही है. कांग्रेस सरकार ने एचएएल को 53 कर्जदार दिए. हमने एचएएल को 1 लाख करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट दिया. रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि कांग्रेस के सारे आरोप निराधार हैं. पीएम के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया गया.
राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे अहम-
सीतारमन ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा अहम है. हमारे पड़ोसियों के साथ संबंध अच्छे नहीं रहे हैं. चीन-पाकिस्तान की बेहतर तैयारी है. उन्होंने कहा कि यूपीए के 10 सालों के शासनकाल में कुछ नहीं हुआ है. हमारी वायुसेना के पास जहाज घटते जा रहे थे. हमारी सेना को इन विमानों की जरूरत थी. इसलिए हमारी सरकार ने इन विमानों को तुरंत खरीदने का फैसला किया.की कुछ बुनियादी ग़लतियों की ओर इशारा किया मुद्दे पर विपक्ष की राजनीति पर गंभीर सवाल खड़े किए.
गौरतलब हो कि राफेल डील में नए खुलासे का दावा करते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौदे की बेंचमार्क कीमत को 5.2 अरब यूरो से बढ़ाकर 8.2 अरब यूरो कर दिया, जिस वजह से सरकारी खजाने को नुकसान हुआ.
कांग्रेस ने शुक्रवार को लोकसभा में इस सौदे से संबंधित बहस के दोबारा शुरू होने से पहले कहा था, "राफेल सौदे में नए खुलासे से भ्रष्टाचार के नए तथ्य सामने आए हैं. धोखा देने का पूरा मामला प्रधानमंत्री के दरवाजे पर आ टिका है, जिन्होंने राफेल सौदे में 'वार्ता दल' की आपत्तियों को दरकिनार कर दिया."