राफेल विवाद: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का कांग्रेस पर हमला, कहा- भारतीय वायुसेना को मजबूत नहीं होने देना चाहते
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन (File Photo Credit: ANI)

राफेल विवाद पर सियासी घमासान तेज है. द हिंदू (The Hindu) अखबार की एक रिपोर्ट के बाद यह विवाद और गर्मा गया है. इस रिपोर्ट के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने फिर से इस मुद्दे को संसद में उठाया जिसका रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने जोरदार जवाब दिया. कांग्रेस पर पलटवार करते हुए रक्षामंत्री ने अखबार की खबर को सिरे से खारिज कर दिया. रक्षामंत्री ने कहा कि यह गड़े मुर्दे उखाड़ने के जैसा है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि अखबार की रिपोर्ट में जिस नोट का जिक्र करते हुए कहा यह सभी आरोप झूठे हैं, ''शांति रखो, चिंता की कोई बात नहीं है. सब कुछ ठीक चल रहा है. अब आप पहले के PMO में सोनिया गांधी की अगुवाई वाली NAC के दखल पर क्या कहोगे? वो क्या था?

रक्षामंत्री ने कहा, 'मैंने सदन में दिए गए अपने जवाब में भी सारी चीजें साफ है. डील पर पीएमओ के एनक्वायर को हस्तक्षेप नहीं कहा जा सकता.' रक्षा मंत्री (Defence Minister) ने कहा, 'वे मरे घोड़े पर चर्चा कर रहे हैं. वे मल्टी नैशनल कॉरपोरेशन के साथ खेल रहे हैं. वे भारत की वायुसेना को मजबूत नहीं होने देना चाहते हैं.' यह भी पढ़ें- कर्नाटक में सियासी संकट जारी, सीएम कुमारस्वामी ने जारी किया ऑडियो, पीएम मोदी और येदियुरप्‍पा पर लगाए कई गंभीर आरोप

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद में पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण की अगली सुबह ही प्रेस कांफ्रेंस कर पलटवार किया था. राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्‍होंने डील में चोरी की है. राहुल ने कहा कि इस डील से सीधे तौर पर अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाया गया है. राहुल ने एक अखबार में छपी रिपोर्ट के हवाले से दावा किया कि इस डील में सीधे-सीधे पीएम शामिल थे. पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी सदन में अपने बयान में साफ किया था राफेल मामले में कुछ भी गलत नहीं हुआ है.

गौरतलब है कि शुक्रवार को The Hindu अखबार में प्रकाशित खबर में दावा किया गया था कि भारत और फ्रांस के बीच हुई राफेल डील के दौरान रक्षा मंत्रालय ने पीएमओ द्वारा फ्रांस से 'समानांतर' बातचीत का विरोध किया था. राहुल ने 24 नवंबर 2015 का रक्षा मंत्रालय का एक नोट दिखाकर पीएम पर हमला बोला. उधर, तत्कालीन डिफेंस सेक्रटरी जी मोहन कुमार ने भी तत्काल सफाई देते हुए कहा कि जो भी मीडिया रिपोर्ट प्रकाशित हुई है उसका राफेल डील में कीमतों से कुछ लेना-देना नहीं था.