भारत के चुनाव आयोग द्वारा आज दोपहर 3 बजे एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी, जिसमें जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की जाएगी. यह चुनाव जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहली बार हो रहे हैं. हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस संबंध में जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी.
हरियाणा विधानसभा चुनावों की तैयारी
हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में तीन सीटें खाली हैं. भाजपा के पास 41 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 29, जेजेपी के पास 10, और आईएनएलडी व एचएलपी के पास एक-एक विधायक हैं. इसके अलावा, पाँच स्वतंत्र विधायक भी हैं. इस चुनाव में इन सभी दलों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है, जिसमें हरियाणा की राजनीति का भविष्य तय होगा.
जम्मू-कश्मीर में चुनावों की माँग
2019 में अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद, जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था. इसके बाद से वहाँ की राजनीतिक पार्टियाँ लगातार राज्य का दर्जा बहाल करने की माँग कर रही थीं. सरकार की ओर से यह कहा गया था कि पहले चुनाव होंगे और उसके बाद ही राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा.
चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में तीन से चार चरणों में मतदान हो सकता है. सितंबर में चुनाव प्रक्रिया पूरी की जा सकती है और इस महीने के अंत तक चुनाव परिणाम घोषित किए जा सकते हैं. जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए, चुनाव कराना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. हाल के दिनों में आतंकवादी घटनाओं में अचानक वृद्धि ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है, जिसका असर चुनाव कार्यक्रम पर भी पड़ सकता है.
परिसीमन के बाद पहली बार चुनाव
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव लंबे समय से परिसीमन कार्य पूरा न होने के कारण नहीं हो पाए थे. मई 2022 में परिसीमन के बाद, जम्मू-कश्मीर विधानसभा की सीटों की संख्या अब 90 हो गई है. इस प्रकार, जम्मू में 43 और कश्मीर में 47 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं. 2014 में, 87 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए थे, जिसमें जम्मू की 37 सीटें, कश्मीर की 46 सीटें और लद्दाख की 6 सीटें शामिल थीं.
लोकसभा चुनावों में दिखी थी भारी उत्सुकता
लोकसभा चुनावों के दौरान जम्मू-कश्मीर में मतदान को लेकर काफी उत्सुकता देखी गई थी. श्रीनगर में मतदान ने नया रिकॉर्ड बनाया था, और केंद्र शासित प्रदेश की अन्य सीटों पर भी भारी उत्साह देखा गया था. इस बार के विधानसभा चुनावों में भी लोगों के बीच काफी उत्साह देखने को मिल सकता है.
जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में होने वाले ये विधानसभा चुनाव न केवल इन राज्यों की राजनीति का भविष्य तय करेंगे, बल्कि देश की राजनीतिक दिशा में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. इन चुनावों के परिणाम आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजनीति पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं.