नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनावों के लिए रणनीति बनाने के मकसद से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) गुरुवार को नवनियुक्त महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) सहित पार्टी के अन्य महासचिवों से मुलाकात करेंगे और फिर शनिवार को कांग्रेस के सभी प्रदेशाध्यक्षों के साथ बैठक करेंगे. पूर्वी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की प्रभारी प्रियंका ने सोमवार को भारत आने के बाद अपने भाई राहुल से मुलाकात की.
राहुल और प्रियंका के अलावा बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) भी शामिल थे. जिनके पास पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभार है. तीनों नेताओं ने उत्तर प्रदेश को लेकर अपनी योजना पर चर्चा की. कांग्रेस के लिए सत्ता में वापसी की राह में लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश मुख्य भूमिका निभाएगा. पार्टी सूत्रों के अनुसार, पार्टी के महासचिवों से बैठक करने के बाद गांधी पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों और अन्य पदाधिकारियों से उनके राज्यों में लोकसभा के लिए योजना बनाने पर चर्चा करेंगे.
इसकी योजना अभी बननी है. इन सब योजनाओं को इसी महीने होने वाली कांग्रेस (Congress) कार्यकारी समिति की बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा. कांग्रेस जहां भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) को सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी पार्टियों के महागठबंधन की जरूरत का राग अलाप रही है, वहीं ऐसी किसी व्यवस्था की कोई औपचारिक घोषणा अब तक नहीं हुई है.
मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) पहले ही कांग्रेस को हटाकर अपने गठबंधन की घोषणा कर चुके हैं. हालांकि, कांग्रेस को अभी भी लोकसभा चुनाव के बाद बसपा-सपा के साथ गठबंधन की उम्मीद है और दोनों बैठकों में चर्चा के केंद्र में उत्तर प्रदेश रहेगा.
यह भी पढ़ें: कांग्रेस ने गुजरात, गोवा और पुडुचेरी के लिए चुनाव प्रचार समिति का किया गठन, इन वरिष्ठ नेताओं को मिला स्थान
सपा-बसपा गठबंधन के अलावा, कांग्रेस ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को भी लुभाने की कोशिश कर रही है क्योंकि तृणमूल पश्चिम बंगाल में किसी के साथ गठबंधन करने के पक्ष में नहीं दिखाई दे रही है.
कांग्रेस के एक नेता ने कहा, "सपा-बसपा और तृणमूल दोनों दल सरकार निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. लेकिन हमारा पहला लक्ष्य उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में अकेले दम पर ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना है."