नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) का तीन दिवसीय मंथन शिविर दिल्ली में शुरू हो गया है. इस कार्यक्रम में देशभर से गणमान्य लोग पहुंचे हैं. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इस दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित किया. कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, संघ के कार्यकर्ता बिना किसी प्रचार के अपना काम करते हैं. हालांकि उन्हें अलग-अलग माध्यमों से पब्लिसिटी मिलती है, जिसकी कभी आलोचना भी होती है. उनके मुताबिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को समझने के लिए हेडगेवार को समझना जरूरी है. भागवत ने दावा किया कि हेडगेवार ने राजस्थान से आंध्रप्रदेश तक क्रांतिकारी समाज सुधारकों को एकत्रित किया.
इस दौरान मोहन भागवत राजनीतिक तौर पर आक्रामक नहीं दिखे. उन्होंने माना कि कांग्रेस की विचारधारा का बड़ा योगदान देश की स्वतंत्रता में रहा. BJP की धुर विरोधी कांग्रेस की सराहना सियासत में उबाल ला सकती है. वो भी ऐसे समय जब कई राज्यों में विधानसभा और लोकसभा का चुनाव नजदीक है. यह भी पढ़े-शिकागो में बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत-हजारों साल से प्रताड़ित हो रहे हैं हिंदू, एकजुट होना होगा
Delhi: Actors Manisha Koirala, Ravi Kishen,Annu Kapoor and others at RSS's 'Bhavishya ka Bharat' lecture series pic.twitter.com/54M4aGLwMp
— ANI (@ANI) September 17, 2018
भागवत ने कहा, मुझे जैसी जानकारी है, उसी आधार पर अपना नजरिया पेश करने आया हूं. अब आप पर निर्भर करता है कि कैसे इसे देखते हैं. संघ जो कुछ भी करता है, वह खास होता है और तुलना से परे भी क्योंकि संघ की अपनी एक विशिष्ट पहचान है और यह लोगों के बीच ही प्रसिद्ध हुआ है.
मोहन भागवत ने खुलासा किया कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) गठन के दो साल पहले ही संस्थापक हेडगेवार ने स्वयं सेवक मंडल तैयार कर लिया था. सरसंघचालक के मुताबिक आरएसएस का मकसद एक व्यक्ति का सकारात्मक निर्माण करना है. जिसके बाद देश के लिए उसका अहम योगदान खुद ब खुद देश की उन्नती का प्रतीक बन जाता है. यह भी पढ़े-पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बाद रतन टाटा करेंगे RSS चीफ मोहन भागवत के साथ मंच साझा
मोहन भागवत ने कहा कि संपूर्ण हिंदू समाज को संगठित करने के मकसद से ही राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) का गठन हुआ था. इसके साथ ही भागवत ने देश की सबसे बड़ी समस्या हिंदुओं को ही बताया. उनके मुताबिक हिंदुओं के पतन के साथ ही देश का पतन आरंभ हुआ.