गुलाम नबी आजाद ने की सरकार से अनुच्छेद 370 पर फैसला वापस लेने की मांग, कहा- कश्मीरी नेताओं को तुरंत रिहा किया जाए

गुलाम नबी आजाद ने कहा, मैं सरकार से मांग करता हूं कि उन्होंने जो गलत निर्णय (अनुच्छेद 370 हटाना) लिया है उसे वापस लिया जाए. जो गलत साबित हुआ है क्योंकि राज्य में कोई भी खुश नहीं है. इस तरह के फैसले को बदल देना चाहिए.

गुलाम नबी आजाद ( फोटो क्रेडिट- ANI )

मोदी सरकार के अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने के फैसले का एक बार फिर कांग्रेस वरिष्ठ नेता गुलाम नबी (Ghulam Nabi Azad) आजाद ने विरोध किया है. गुलाम नबी आजाद ने कहा, मैं सरकार से मांग करता हूं कि उन्होंने जो गलत निर्णय (अनुच्छेद 370 हटाना) लिया है उसे वापस लिया जाए. जो गलत साबित हुआ है क्योंकि राज्य में कोई भी खुश नहीं है. इस तरह के फैसले को बदल देना चाहिए. राजनीतिक नेताओं को रिहा चाहिए और सामान्य स्थिति बहाल की जानी चाहिए. उन्होंने आगे कहा अब 15 दिन हो चुके हैं जब जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंदी बनाया हुआ है. ऐसे में उन्हें तुरंत छोड़ना चाहिए और घाटी के लोगों पर लगी पाबंदियों को हटाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर में डर का माहौल बनाया हुआ है.

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि रिपोर्ट है कि युवकों को उठाया जा रहा है. सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया. गुलाम नबी ने आगे कहा अगर हालात सुधरे हैं तो हजारों लोगों पर बंदिशें क्यों हैं? उन्हें घरों से बाहर जाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई? उन्होंने कहा कि नेताओं को नजरबंद किया हुआ है. पूर्व मुख्यमंत्रियों को अस्थायी जेल बना के रखा हुआ है. तमाम पूर्व विधायक और जम्मू-कश्मीर के नेता नजरबंद हैं. खबर आ रही है कि 10-15 हजार की संख्या में नेताओं को थानों में बंद रखा गया है. उन्हें आगरा और दूसरे राज्यों में रखा गया है.

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अनुच्छेद 370 पर अपना फैसला वापिस ले सरकार-

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज के आधुनिक भारत में हजारों लोगों को उठाया जा रहा है और देश को पता नहीं. आधुनिक भारत में क्या एक राज्य को बिल्कुल बंदी बनाए रखा जाए यह संभव है? जहां न फोन चलता है न ब्रॉडबैंड चलता है और न कोई संवाद का जरिया है. राज्य में भय का माहौल, पहले दिन से ही है. अगर आप बाहर निकलोगे तो भून के रख देंगे. किस तरह भय का माहौल फैलाया जा रहा है. जो जेलों में बंद नहीं हैं वो जेल से भी बदतर स्थिति में हैं. लोगों को धमकाया जा रहा है.

गुलाम नबी ने कहा सरकार कह रही है कि हालात ठीक हैं. अगर ऐसा है तो लोग नजरबंद क्यों हैं? अगर हालात ठीक हैं तो इंटरनेट क्यों नहीं चल रहा, टेलीफोन क्यों नहीं चल रहा, क्या यह सामान्य स्थिति है? पूरे राज्य को बंदी बनाकर रखो, क्या यह सामान्य हालत है, दुनिया और देश से कोई राबता नहीं है और फिर कहो कि हालात अच्छे हैं. गुलाम नबी ने कहा यह सिर्फ जम्मू कश्मीर का मुद्दा नहीं है. पूरे देश को लेकर सोचना चाहिए कि एक बड़ा राज्य जिसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है और अगर लोग ऐसा चाहते हैं तो 15 दिन से कर्फ्यू क्यों लगा हुआ है?

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