नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन और सुधार की मांग के बीच जारी कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद (Ghulam Nabi Azad) ने कहा कि अगर राहुल गांधी की बीजेपी के साथ मिलीभगत की टिप्पणी सही साबित हुई तो वे इस्तीफा दे देंगे. जबकि दिग्गज कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने भी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष की टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर की है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं द्वारा लिखे गए पत्र से नाराज राहुल गांधी ने संदेह जताया कि बीजेपी की सांठगांठ के कारण ही उस समय पत्र लिखा गया जब पार्टी संघर्ष कर रही थी. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी नेतृत्व को ऐसे समय में बड़े नेताओं ने पत्र क्यों भेजा, जब सोनिया गांधी अस्पताल में भर्ती थीं और राजस्थान की कांग्रेस सरकार को बचाने की कोशिशें चल रही थीं. गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष मंजूर नहीं: कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा
Ghulam Nabi Azad, during CWC, says he will resign if Rahul Gandhi's "collusion with BJP" remark can be proven: Sources
— ANI (@ANI) August 24, 2020
इस पर नाराज कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया “राहुल गांधी कहते हैं हमारी बीजेपी से मिलीभगत है. पिछले 30 सालों में कभी भी किसी मुद्दे पर बीजेपी के पक्ष में बयान नहीं दिया. फिर भी हमारी भाजपा से मिलीभगत है!”
उधर, अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी पार्टी कांग्रेस कार्यसमिति की वर्चुअल बैठक में पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस की कमान संभाल रही सोनिया गांधी ने सीडब्ल्यूसी के सदस्यों से उन्हें पार्टी अध्यक्ष के कर्तव्य से मुक्त करने की प्रक्रिया की दिशा में विचार-विमर्श शुरू करने के लिए कहा है. जबकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा कि सोनिया गांधी को तब तक जारी के प्रमुख पद पर रहना चाहिए जब तक पार्टी का नया अध्यक्ष नहीं चुन लिया जाता है.
एक दिन पहले ही पार्टी में नेतृत्व को लेकर तब उफान आया, जब जब पूर्णकालिक एवं जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई. सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं में कपिल सिब्बल (Kapil Sibal), शशि थरूर (Shashi Tharoor), गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad), पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan), विवेक तन्खा (Vivek Tankha) और आनंद शर्मा (Anand Sharma) जैसे शीर्ष नेता शामिल थे. हालांकि इस मामले पर कांग्रेस दो खेमे में बंट गई है. उधर, कांग्रेस की कई प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों और सांसदों ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर उनके और राहुल गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताया है. जबकि कई ने राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की वकालत की है.













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