लखनऊ, 11 नवंबर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बिहार में भाजपा के पक्ष में जमकर प्रचार किया और उनका जादू आखिरकार चल गया जिससे नीतीश की वापसी सुनिश्चित हो गई. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा (BJP) ने बिहार में उन 18 सीटों में से 13 सीटों पर जीत दर्ज की, जहां योगी आदित्यनाथ ने चुनाव प्रचार किया था. योगी आदित्यनाथ ने बख्तियारपुर, बिस्फी, कटिहार, केवटी, सीतामढ़ी, रक्सौल, वाल्मीकिनगर, झंझारपुर, लालगंज, दारौंदा, जमुई, काराकाट, गरिया कोठी, सीवान, अरवल, पालीगंज, तेरारी और रामगढ़ में प्रचार किया था.
भाजपा के सूत्रों ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने जिन सीटों पर चुनाव प्रचार किया है, वहां एक बार फिर से स्टार प्रचारक के रूप में अपना दर्जा स्थापित किया है, जो वोट स्विंग करने की क्षमता रखते हैं. राज्य भाजपा प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह ने कहा, "वह न केवल एक योग्य प्रशासक हैं, बल्कि उन तेजतर्रार नेताओं में से एक हैं, जो जातिगत समीकरणों के बावजूद मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की क्षमता रखते हैं."
पार्टी के नेताओं का कहना है कि योगी आदित्यनाथ बिहार को सीता का गृहनगर कहकर राज्य की जनता से जुड़ने में सक्षम रहे और फिर उन्हें याद दिलाया कि कैसे भाजपा ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के अपने चुनावी वादे को निभाया. बिहार में अपने प्रचार अभियान के दौरान योगी आदित्यनाथ ने महागठबंधन के मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर अपना हमला तेज कर दिया, उन्होंने सत्ता में वोट देने पर 10 लाख सरकारी नौकरी देने का खोखला चुनावी वादा करने का आरोप लगाया.
एक भाजपा नेता ने कहा, "वह राजद के 15 साल के कुशासन और चारा घोटाले के बारे में मतदाताओं को याद दिलाने में कामयाब रहे." पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि बिहार में योगी से प्रचार कराने की भारी मांग थी. भाजपा सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी द्वारा प्रचार के लिए योगी को चुनाव में उतारने की संभावना है.