CM Ashok Gehlot writes to MLAs: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की विधायकों से अपील- लोकतंत्र बचाने के लिए जनता की आवाज सुनें

सीएम गहलोत ने चिट्ठी में लिखा, चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना किसी भी दृष्टिकोण से न्यायोचित नहीं है. सीएम ने इस पत्र के जरिए विधायकों से अपील की है कि राज्य को खरीद-फरोख्त की राजनीति से बचाएं. इससे राज्य में गलत परंपरा शुरू हो जाएगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Photo Credit: PTI)

जयपुर: राजस्थान में जारी सियासी संकट (Rajasthan Political Crisis) के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने राजस्थान के विधायकों को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में मुख्यमंत्री ने मौजूदा सियासी घटनाक्रम को लेकर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी विधायकों से अपील की है. मुख्यमंत्री ने विधायकों से जनता की आवाज सुनने और लोकतंत्र को बचाने के लिए निर्णय लेने की अपील की है. मुख्यमंत्री ने लिखा कि राजस्थान के लोगों और जन भावनाओं को पूरा करने के लिए लोकतंत्र का साथ दें.

अशोक गहलोत ने इस पत्र में लिखा है, 'विधायको को सच्चाई के साथ खड़ा होना चाहिए. उनकी सरकार को अस्थिर करने के प्रयास किए जा रहे हैं.'सीएम ने विधायकों से कहा कि राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त की परंपरा अच्छी नहीं है. यह भी पढ़ें: Rajasthan Political Crisis: बीएसपी के 6 विधायकों ने किया सुप्रीम कोर्ट का रूख, कांग्रेस के साथ विलय के केस को HC से ट्रांसफर करने की लगाई गुहार. 

सीएम गहलोत ने चिट्ठी में लिखा, चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना किसी भी दृष्टिकोण से न्यायोचित नहीं है. सीएम ने इस पत्र के जरिए विधायकों से अपील की है कि राज्य को खरीद-फरोख्त की राजनीति से बचाएं. इससे राज्य में गलत परंपरा शुरू हो जाएगी.

अशोक गहलोत का पत्र:

इसके लिए उन्होंने पत्र में 1993-96 के दौरान भैरों सिंह शेखावत की सरकार गिराने के प्रयासों पर का भी जिक्र किया. सीएम गहलोत ने बताया कि मैंने उस वक्त पीएम और राज्यपाल से मिलकर इस तरह की कार्रवाई का विरोध किया था.

सीएम गहलोत ने लिखा है कि पिछले डेढ़ साल में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में उनकी सरकार ने हरसंभव कोशिश की है. गहलोत ने लिखा, कोरोना के खिलाफ हम सब लोग मिलकर लड़ाई लड़ रहे हैं. इस बारे में प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियों से बात हुई और उसमें जो सुझाव मिले, उसके आधार पर कई फैसले लिए गए.

राजस्थान में जारी राजनीतिक अस्थिरता पर गहलोत ने चिट्ठी में लिखा है, ऐसी परिस्थिति में भी हमारे कुछ साथी और विपक्ष के कुछ नेता सरकार को अस्थिर करने के प्रयास में लगे हुए हैं जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है. पहले भी ऐसी कोशिश की गई है. इसलिए प्रदेश के लोग ऐसा कभी नहीं चाहेंगे कि राजस्थान में ऐसी परंपरा स्थापित हो.

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