Citizenship Amendment Bill: नागरिकता संशोधन विधेयक पर शिवसेना ने यू-टर्न लेने का फैसला लिया है. इससे पहले बिल को लेकर शिवसेना ने लोकसभा में मोदी सरकार का समर्थन किया था. लेकिन राज्यसभा में अब उसी बिल के समर्थन में न उतरकर विरोध करेगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लोकसभा में शिवसेना के समर्थन के बाद कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी नाराज थी. वहीं राहुल गांधी भी खफा है. ऐसे में शिवसेना संकट में फंस गई है क्योंकि महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी की समर्थन के बाद उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने है. ऐसे में उद्धव नहीं चाहेंगे कि उनकी कुर्सी पर खतरा मंडराए. वहीं मोदी सरकार के खिलाफ पूरी विपक्ष एक होती नजर आ रही है. वहीं शिवसेना के सदस्य संजय राउत ने बुधवार को कहा था कि विधेयक के संबंध में कुछ संदेह हैं और अगर हमें सही जवाब नहीं मिला तो हम विधेयक के खिलाफ जाएंगे.
शिवसेना ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि भारत में एक बार फिर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच फूट डालने की कोशिशें क्यों हो रही हैं. वहीं नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) के खिलाफ असम ( Assam) और त्रिपुरा (Tripura) समेत पूरे नॉर्थ इंडिया में उठा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. त्रिपुरा में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर के प्रोटेस्ट कर रहे हैं. आलम ये है कि जम्मू-कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों को असम के बोंगाईगांव और त्रिपुरा के कंचनपुर, मनु में तैनात किया जा रहा है.
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अमित शाह ने कहा अफवाह फैलाया जा रहा है
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बुधवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में धार्मिक आधार पर शरणार्थियों को नागरिकता देने से संबंधित नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) पेश किया. लोकसभा (Lok Sabha) में पास हो चुके नागरिकता संशोधन बिल के बारे में भ्रांति फैलाई जा रही है. कहा जा रहा है कि यह बिल मुसलमानों के खिलाफ है. इस देश के मुसलमानों के लिए चिंता की कोई बात नहीं है. वे नागरिक थे, हैं और रहेंगे और उन्हों कोई प्रताड़ित नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि यह नरेंद्र मोदी की सरकार है, जो संविधान की भावना के साथ चल रही है.