नागरिकता संशोधन बिल 2019 राज्यसभा में पेश, अमित शाह ने कहा- देश के मुसलमानों के लिए चिंता की कोई बात नहीं
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में धार्मिक आधार पर शरणार्थियों को नागरिकता देने से संबंधित नागरिकता संशोधन बिल पेश किया. लोकसभा में पास हो चुके नागरिकता संशोधन बिल पर फिलहाल राज्यसभा में चर्चा चल रही है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बुधवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में धार्मिक आधार पर शरणार्थियों को नागरिकता देने से संबंधित नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) पेश किया. लोकसभा (Lok Sabha) में पास हो चुके नागरिकता संशोधन बिल पर फिलहाल राज्यसभा में चर्चा चल रही है. राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश करने के बाद अमित शाह ने कहा कि मैं सदन के सामने ऐतिहासिक बिल लेकर उपस्थित हुआ हूं. इस बिल का प्रावधान यातना का जीवन जी रहे लाखों-करोड़ों लोगों के लिए आशा की किरण है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) और वर्तमान बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की आबादी में 20-20 फीसदी की कटौती हुई है.
अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल के बारे में भ्रांति फैलाई जा रही है. कहा जा रहा है कि यह बिल मुसलमानों के खिलाफ है. इस देश के मुसलमानों के लिए चिंता की कोई बात नहीं है. वे नागरिक थे, हैं और रहेंगे और उन्हों कोई प्रताड़ित नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि यह नरेंद्र मोदी की सरकार है, जो संविधान की भावना के साथ चल रही है.
वहीं, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि यह बिल संविधान की मूल भावना पर हमला है. यह लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है. यह बिल विभाजनकारी है. इस वजह से मैं इसका विरोध करता हूं. यह भी पढ़ें- नागरिकता संशोधन बिल और NRC के खिलाफ तेजस्वी यादव ने पटना में किया विरोध-प्रदर्शन, सीएम नीतीश कुमार पर लगाया ये इल्जाम.
उन्होंने कहा कि केवल महात्मा गांधी, सरदार पटेल का नाम लेना संभव नहीं है. मुझे नहीं पता जीवन में क्या होता है. सुना है हमारे धर्म में पुनर्जन्म को मानते हैं. तो बुजुर्ग कभी मिलते हैं... अगर सरदार पटेल कभी आपके प्रधानमंत्री जी को मिल लिए तो बहुत नाराज होंगे. गांधी जी तो दुख होंगे ही कि मेरे 150 साल मना रहे हो और ऐसा करते हो.