CAA हिंसा: आरोपियों के पोस्टर लगाने पर योगी सरकार और विपक्ष में ठनी, सैफई से अखिलेश यादव ने भी साधा निशाना
सीएम योगी आदित्यनाथ व अखिलेश यादव (Photo Credtis Twitter)

लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर हिंसक प्रदर्शन करने वाले आरोपियों के पोस्टर लगाने पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने योगी सरकार पर निशाना साधा है. सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मौजूदा बीजेपी (BJP) की सरकार को अहंकारी बताया है. दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने सीएए हिंसा में नामजद लोगों के लखनऊ में लगे पोस्टर्स व होर्डिग्स हटवाने के आदेश दिए है. उधर, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने भी इस फैसले का स्वागत किया है.

न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि अभी इलाहाबाद हाईकोर्ट का जो फैसला आया है, उस पर अध्ययन किया जा रहा हैं. हमारे कानून विद इस बात पर गौर कर रहे है कि कोर्ट ने किन आधार पर फैसला लिया और पोस्टरों को हटाने के लिए कहा है.

हालांकि उन्होंने साफ़ कहा कि राज्य सरकार सभी उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है. जिन्होंने आम आदमी की संपति को नुकसान पहुंचाने का काम किया है वैसे एक भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा.

बीएसपी मुखिया अखिलेश यादव परिवार संग होली मनाने के लिए अपने पैतृक गांव सैफई पहुंचे. इस दौरान अखिलेश ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज अहंकारी सरकार को लताड़ दिया है. यह संविधान की जीत है.

वहीं, बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट किया, "लखनऊ में सीएए के विरोध में किए गए आंदोलन मामले में हिंसा के आरोपियों के खिलाफ सड़कों/चौराहों पर लगे बड़े-बड़े सरकारी होर्डिग/पोस्टर को मा़ इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर, उन्हें तत्काल हटाए जाने के आज दिए गए फैसले का बीएसपी स्वागत करती है."

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान हिंसा व तोडफोड़ करने वालों का सार्वजनिक स्थल पर पोस्टर लगाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को सभी सार्वजनिक जगहों पर लगाए गए पोस्टर्स व होर्डिग्स हटाने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने हिंसा के दौरान नामजद लोगों के नाम, पते और फोटो भी सार्वजनिक न करने के निर्देश दिए हैं. रविवार को सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा. इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.