CAA पर डिबेट अब संसद में, तृणमूल करेगी राष्ट्रपति के अभिभाषण में संशोधन की मांग
विपक्षी दलों ने सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर सोमवार को संसद के बजट सत्र के दौरान सरकार को घेरने के लिए तैयार हैं. विपक्षी दलों ने संशोधित नागरिकता कानून, एनआरसी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनआरपी) को लेकर सोमवार को चर्चा के लिए राज्यसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है.
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) का देशभर के अलग-अलग स्थानों पर विरोध प्रदर्शन जारी है. इस बीच विपक्षी दलों ने सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर सोमवार को संसद के बजट सत्र के दौरान सरकार को घेरने के लिए तैयार हैं. विपक्षी दलों ने संशोधित नागरिकता कानून, एनआरसी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर सोमवार को चर्चा के लिए राज्यसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है. कांग्रेस, टीएमसी, लेफ्ट दलों, राष्ट्रीय जनता दल और कुछ अन्य दलों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर तत्काल चर्चा की मांग लेकर राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है.
इस नोटिस को स्वीकार करने या न करने का विशेषाधिकार राज्यसभा के सभापति के पास होता है. बता दें कि संसद का बजट सत्र शुक्रवार को शुरू हुआ था और राष्ट्रपति के अभिभाषण तथा बजट पेश किए जाने के बाद सोमवार को अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होनी है. दोनों सदन आज से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करने के लिए तैयार है. इस बीच तृणमूल कांग्रेस ने राष्ट्रपति के अभिभाषण में संशोधन की मांग की है.
सीपीएम और सीपीआई ने राज्यसभा में एनआरसी, एनपीआर और नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर देश में मौजूदा स्थिति पर नियम 267 के तहत स्थगन का प्रस्ताव दिया है. इस नियम के तहत सभी विधायी कामकाज रोककर नोटिस में दिये गये मुद्दों पर चर्चा कराने का प्रावधान है.
बता दें कि विपक्षी दल नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर को लेकर मोदी सरकार का विरोध कर रहे हैं. कई गैर बीजेपी शाषित राज्यों (केरल, पंजाब, राजस्थान) ने अपनी विधानसभा में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित किया है. विपक्षी दलों का कहना है कि यह सब संविधान का उल्लंघन है. मोदी सर्कार संविधान के साथ छेड़छाड़ कर रही है.