नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2020) के दूसरे चरण के मतदान के साथ ही मंगलवार (3 नवंबर) को 10 राज्यों की 54 विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव (Bypolls 2020) होगा. इन सीटों पर मुख्य मुकबला सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) के साथ विपक्षी दलों का है. रविवार को ही मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की 28 सीटों समेत 10 राज्यों में विधानसभा की 54 सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिये प्रचार अभियान थम गया. वर्तमान में देशभर की राज्य विधानसभाओं में कुल 63 सीटें खाली हैं. लेकिन कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति को देखते हुए अभी केवल 56 सीटों पर उपचुनाव होगा. मणिपुर की दो खाली सीटों के लिए 7 नवंबर को वोट पड़ेंगे. Bihar Elections 2020: पीएम मोदी के बाद अनुराग ठाकुर ने RJD पर साधा निशाना, कहा- बिहार के लोगों को जंगलराज नहीं मंगलराज चाहिए
मध्य प्रदेश (28 सीट)
मध्य प्रदेश में ये उपचुनाव शिवराज सिंह चौहान सरकार का भविष्य तय करेंगे. मुख्य प्रतिद्वंद्वी दलों बीजेपी और कांग्रेस ने एक दूसरे पर तीखे प्रहार किये, खास तौर पर मध्य प्रदेश में जहां निर्वाचन आयोग ने दोनों दलों के नेताओं को फटकार लगाई और यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा भी छीन लिया जिसे उन्होंने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है. जिसके बाद कोर्ट ने आज चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगा दी.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बीजेपी प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे, जबकि मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एवं अन्य पार्टी नेताओं ने कांग्रेस के उम्मीदवारों को जिताने की लोगों से अपील की. कांग्रेसी नेताओं ने बागी विधायकों और सिंधिया पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘गद्दार’ करार दिया.
मध्य प्रदेश की 25 सीटों पर मौजूदा कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने की वजह से उपचुनाव हो रहे हैं. वे उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार हैं जबकि तीन अन्य सीटों पर मौजूदा विधायकों के निधन की वजह से उपचुनाव की आवश्यकता हुई.
राज्य के इतिहास में यह पहला मौका है जब 230 सदस्यीय विधानसभा की 28 सीटों पर एक साथ उपचुनाव हो रहे हैं. इन चुनावों में प्रदेश के 12 मंत्रियों समेत कुल 355 उम्मीदवार मैदान में हैं. सत्ताधारी बीजेपी के पास 107 विधायक हैं और उसे बहुमत के लिये नौ और सीटों की जरूरत है जबकि कांग्रेस के पास सदन में 87 विधायक हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार हालांकि, इन सीटों पर मायावती के नेतृत्व वाली बसपा एवं कुछ अन्य छोटे राजनीतिक दलों के साथ-साथ निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं, लेकिन अधिकांश सीटों पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस एवं बीजेपी के बीच ही होने की उम्मीद है. ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की दो-तीन सीटों पर बीजेपी, कांग्रेस एवं बसपा के बीच त्रिकोंणीय मुकाबला हो सकता है.
उत्तर प्रदेश (7 सीट)
उत्तर प्रदेश विधानसभा में पर्याप्त बहुमत रखने वाली बीजेपी सात सीटों पर यहां हो रहे उपचुनाव में प्रतिष्ठा की लड़ाई लड़ रही है जबकि विपक्ष कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर योगी आदित्यनाथ की सरकार पर निशाना साध रहा है. प्रचार के दौरान ‘लव जिहाद’ का मुद्दा भी उठा और उप्र व हरियाणा सरकारों ने इसके खिलाफ कानून लाने की योजना की भी घोषणा की.
उत्तर प्रदेश में भी सातों सीटों पर तीन नवंबर को मतदान होना है, जिनमें से पहले छह सीटें सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और एक सीट समाजवादी पार्टी (सपा) के पास रही है. प्रदेश सरकार को कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है खासकर हाथरस और बलरामपुर दुष्कर्म व हत्या मामलों को लेकर.
उपचुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ‘लव जिहाद’ से निपटने के लिये कानून लेकर आएगी. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी बीजेपी सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए दावा किया कि जनता ने बीजेपी सरकार को सबक सिखाने की ठान ली है और उपचुनाव में इसका असर दिखेगा.
गुजरात (8 सीट)
गुजरात में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद आठ सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. इनमें से पांच बीजेपी के टिकट पर फिर से चुनाव लड़ रहे हैं. गुजरात में कांग्रेस के आठ विधायकों ने पार्टी और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसके चलते राज्य की अबडासा, गढड़ा, धारी, मोरबी, लींबडी, करजण, डांग और कपराडा सीटों पर उपचुनाव होने हैं.
बीजेपी उम्मीदवारों के लिए मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, राज्य के भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल, केंद्रीय मंत्रियों स्मृति ईरानी, मनसुख मांडविया और पुरुषोत्तम रूपाला ने प्रचार किया. वहीं, कांग्रेस के लिए पार्टी की राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल के साथ अमित चावड़ा, परेश धनानी, अर्जुन मोढवाडिया, सिद्धार्थ पटेल और तुषार चौधरी आदि ने प्रचार की कमान संभाली. कांग्रेस के गुजरात प्रभारी राजीव सातव ने भी चार सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में रैलियां आयोजित कीं. उल्लेखनीय है कि आठ विधानसभा सीटों पर कुल 81 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
इन राज्यों में भी उपचुनाव
इसके अलावा छत्तीसगढ़ (एक सीट), हरियाणा (एक सीट), झारखंड (दो सीट), कर्नाटक (दो सीट), नगालैंड (दो सीट), ओडिशा (दो सीट) और तेलंगाना (एक सीट) में उपचुनाव हो रहे हैं. चुनाव आयोग के तमाम अधिकारियों व पुलिसकर्मियों ने साथ मिलकर कल होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तैयारी पूरी कर ली है.