मुम्बई/नागपुर. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने शुक्रवार को 2019-20 के केंद्रीय बजट को ‘दूरदृष्टिपूर्ण’ बताया और कहा कि इससे देश को तेजी से पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी और ‘नये भारत’ का सूत्रपात होगा. दूसरी तरफ विपक्षी नेताओं ने बजट को ‘भ्रामक, निराशाजनक और आम आदमी की जेब में छेद करने वाला करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि बजट महंगाई, बेरोजगारी, कृषि और काला धन से जुड़ी चिंताओं का समाधान नहीं करता है.
फड़णवीस ने ट्वीट किया, ‘‘ माननीय नरेंद्र मोदी जी और निर्मला सीतारमण जी को बधाई. यह दूरदृष्टिपूर्ण बजट है जिससे देश को तेजी से पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी. सबसे महत्वपूर्ण बात कि मोदीजी की सरकार महज पांच साल में, उसमें एक हजार अरब डॉलर जोड़ेगी, यह ज्यादा बड़ी उपलब्ध होगी. नये भारत के लिए बजट.’’यह भी पढ़े-BUDGET 2019: विपक्ष ने मोदी सरकार 2.0 के पहले बजट को बताया निराशाजनक और पुराना
Congratulations Hon @narendramodi ji & @nsitharaman ji!
This is a visionary budget which will steer India with even greater speed towards 5 trillion dollar economy!
The very fact Modi ji’sGovt could add a trillion dollar in just 5years makes it more achievable!#BudgetForNewIndia pic.twitter.com/NDlchXzwTS
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) July 5, 2019
महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘ सीतारमण जी ने गरीबों, किसानों और महिलाओं का सम्मान करते हुए तथा 2025 तक नये भारत के सपने को साकार करने को ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया है.’’ भाजपा नीत राजग की सहयोगी शिवसेना की प्रवक्ता मनीषा कायांदे ने कहा, ‘‘ यह सर्व-समावेशी और संतुलित बजट है. यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्राथमिकता देता है. साथ ही महिला मंत्री ने बजट पेश किया जो गर्व का क्षण है.’’ हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सोने और महंगी धातुओं पर आयात शुल्क 10 फीसद से बढ़ाकर 12.5 फीसद करने पर पुनर्विचार किया जाए.
महाराष्ट्र के पूर्व वित्त मंत्री और राकांपा नेता जयंत पाटिल ने कहा, ‘‘ भ्रामक बजट है. इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि सरकार किस क्षेत्र को प्राथमिकता देना चाहती है. वाकई, पहले से मौजूद कृषि संबंधी योजनाओं के लिए भारी धनराशि उपलब्ध कराने की आशा की गयी है. ’’
उन्हीं की पार्टी के नेता और महाराष्ट्र विधानपरिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि बजट में राज्य के लिए कुछ नहीं है. सार्वजनिक निजी साझेदारी के माध्यम से रेलवे के निजीकरण से रेल सेवाएं महंगी हो जाएंगी.