लखनऊ, 15 सितम्बर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच सियासी घमासान का नया रिकॉर्ड बना रहा है. राज्य में जो सही नहीं है. उसके लिए एक-दूसरे को दोष देने से लेकर अब दोनों पार्टियां अपने-अपने चुनाव चिह्नें को लेकर एक-दूसरे पर तंज कस रही हैं. यह भी पढ़े: RSS-बीजेपी के आलावा मैं बाकी किसी भी विचारधारा के साथ समझौता कर सकता हूं, ये धर्म की दलाली करते हैं: राहुल गांधी
अखिलेश यादव ने जहां बीजेपी को अपने राजनीतिक चिन्ह को 'बुलडोजर' में बदलने की सलाह दी है, वहीं बीजेपी ने सपा से 'एके-47' को चुनाव चिह्न् के तौर पर लेने को कह कर जवाब दिया है. सपा प्रमुख अयोध्यावासियों के कुछ घरों को गिराने में बार-बार बुलडोजर के इस्तेमाल का जिक्र कर रहे थे. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपनी आंखों की जांच कराने को भी कहा. वह मुख्यमंत्री की इस बात का जवाब दे रहे थे कि अखिलेश में दूरदर्शिता की कमी है.
योगी आदित्यनाथ सरकार को अपराधियों और माफियाओं के घरों को ध्वस्त करने के लिए जाना जाता है, यह दावा करते हुए कि यह अवैध संपत्ति थी. उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने मंगलवार को रायबरेली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह उपयुक्त होगा यदि समाजवादी पार्टी अपने चुनाव चिन्ह को 'एके-47' में बदल दें. वह जाहिर तौर पर मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह अंसारी को समाजवादी पार्टी में शामिल किए जाने की बात कर रहे थे. माना जा रहा है कि मुख्तार अंसारी भी जल्द ही सपा में शामिल होंगे.