मध्यप्रदेश: कभी चुनाव न हारने वाले गोपाल भार्गव को मिली बीजेपी की कमान, नेता प्रतिपक्ष चुने गए

भोपाल में विधायक दल की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे की उपस्थिति में सर्वसहमती से बीजेपी विधायकों ने गोपाल भार्गव को विधायक दल का नेता चुना. राज्य की 15वीं विधानसभा में गोपाल भार्गव नेता प्रतिपक्ष होंगे.

गोपाल भार्गव (Photo Credit-Facebook)

बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव (Gopal Bhargav) मध्य प्रदेश विधानसभा में नए नेता प्रतिपक्ष चुने गए हैं. भोपाल में विधायक दल की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे की उपस्थिति में सर्वसहमती से बीजेपी विधायकों ने गोपाल भार्गव को विधायक दल का नेता चुना. राज्य की 15वीं विधानसभा में गोपाल भार्गव नेता प्रतिपक्ष होंगे. गोपाल भार्गव रहली से विधायक हैं. वह इस सीट से 1985 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं और 8वीं बार विधायक चुने गए हैं.

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नेता प्रतिपक्ष के लिए गोपाल भार्गव के नाम का प्रस्ताव रखा. जिसके बाद सोमवार को राजनाथ सिंह और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने भार्गव के नाम पर मुहर लगाई. 69 साल के गोपाल भार्गव मध्य प्रदेश की पूर्व की बीजेपी सरकार में सहकारी, सामाजिक न्याय, पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री रह चुके हैं.

गोपाल भार्गव सागर की रहली विधानसभा सीट से विधायक हैं. भागर्व इस सीट से 1985 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. वो 8वीं बार विधायक चुने गए हैं. भार्गव बीजेपी के पुराने कद्दावर नेता हैं और संघ के करीबी हैं. नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में नरोत्तम मिश्रा और राजेन्द्र शुक्ल का नाम भी चल रहा था. लेकिन आखिर में गोपाल भार्गव को ये इसके लिए चुना गया. भार्गव शिवराज सरकार में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री थे.

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गोपाल भार्गव का सियासी सफर

भार्गव अपने कॉलेज के दिनों से ही राजनीति में सक्रीय थे. छात्र राजनीति के दौर में कॉलेज निर्माण के लिए जेल में रहे गोपाल भार्गव 1980 में पहली बार गढ़ाकोटा नगर पालिका के अध्यक्ष चुने गए थे. इसके बाद 1984 में पहली बार रहली से विधायक बने. भार्गव को उमा भारती की सरकार में पहली बार मंत्री बनाया गया था.

साल 2008 में उन्हें पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया. साल में दो बार सामूहिक विवाह सम्मेलन करवाने वाले भार्गव को ‘शादी बाबा' के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने अपने बेटे की शादी भी ऐसे ही समारोह में की थी. फिलहाल वे मध्यप्रदेश विधानसभा के सबसे वरिष्ठ विधायक हैं.

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