आप नेता दुर्गेश पाठक का आरोप- नार्थ MCD में प्राॅपर्टी टैक्स के 1400 करोड़ रुपए बीजेपी नेताओं के भ्रष्टाचार में चला जाता है, इसीलिए कर्मचारियों सैलरी और पेंशन नहीं मिल रही
आम आदमी पार्टी ने भाजपा शासित नार्थ एमसीडी में प्राॅपर्टी टैक्स वसूलने के दौरान किए जा रहे करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार को उजागर किया है. आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि नार्थ एमसीडी में प्राॅपर्टी टैक्स का 1400 करोड़ रुपए भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचार में चला जाता है, इसीलिए एमसीडी अपने कर्मचारियों को सैलरी और पेंशन नहीं दे पा रही है.
आम आदमी पार्टी ने भाजपा शासित नार्थ एमसीडी में प्राॅपर्टी टैक्स वसूलने के दौरान किए जा रहे करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार को उजागर किया है. आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि नार्थ एमसीडी में प्राॅपर्टी टैक्स का 1400 करोड़ रुपए भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचार में चला जाता है, इसीलिए एमसीडी अपने कर्मचारियों को सैलरी और पेंशन नहीं दे पा रही है. नार्थ एमसीडी ने 12 लाख लोगों को प्राॅपर्टी टैक्स के लिए चिंहित किया है. अगर बिना भ्रष्टाचार किए यह टैक्स वूसला जाए, तो नार्थ एमसीडी को 2100 करोड़ रुपए की आमदनी होती, लेकिन भ्रष्टाचार में डूबी भाजपा शासित एमसीडी 12 लाख में से केवल 4 लाख लोगों से ही करीब 700 करोड़ रुपए प्राॅपर्टी टैक्स वसूल पाती है, बाकी 8 लाख लोगों के प्राॅपर्टी टैक्स के करीब 1400 करोड़ रुपए ट्रेजरी में जमा ही नहीं होते हैं और इसे भाजपा नेता आपस में बांट लेते हैं. दुर्गेश पाठक ने कहा कि नार्थ एमसीडी ने अब तक प्राॅपर्टी टैक्स न देने वालों में से सिर्फ 36 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है, जो यह साबित करता है कि इनके मन में पाप है, अन्यथा सबके खिलाफ कार्रवाई की जाती. आम आदमी पार्टी इस भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग करती है.
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि पिछले 14 सालों से भाजपा एमसीडी को चला रही है. भाजपा शासित एमसीडी डॉक्टरों और नर्सों को वेतन तक नहीं दे पा रही है. एमसीडी के कर्मचारी और डॉक्टर अपने वेतन को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. पिछले 14 सालों में भाजपा ने एमसीडी की हालत इतनी खराब कर दी है कि आज एमसीडी के पास कर्मचारियों को वेतन देने तक के पैसे नहीं हैं. भाजपा के नेताओं ने अधिकारियों के साथ मिलकर एमसीडी को भ्रष्टाचार की फैक्ट्री बना दिया है. भाजपा के नेताओं ने एमसीडी को सिर्फ भ्रष्टाचार का एक साधन बनाकर रख दिया है. यह भी पढ़े: MCD द्वारा रिटायर कर्मचारियों को पेंशन नहीं देने पर आप ने बीजेपी पर साधा निशाना, कहा- सत्ताधारी पार्टी ना करें सियासत
उन्होंने कहा कि आज एमसीडी के कर्मचारी धरने पर बैठे हुए हैं. वहीं, भाजपा के पार्षद बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूम रहे हैं, बड़े-बड़े और ऊंचे-ऊंचे मकान बना रहे हैं. अब सवाल यह उठता है कि जब एमसीडी के पास अपने कर्मचारियों को देने के लिए पैसे नहीं हैं, तो भाजपा के पार्षदों पर इतना पैसा कहां से आ रहा है? दिल्ली के सभी नगर निगमों में नॉर्थ एमसीडी के हालात सबसे बदतर हैं. दिल्ली में प्रॉपर्टी टैक्स इकट्ठा करने का काम एमसीडी का है. पिछले कुछ सालों में नॉर्थ एमसीडी ने करीब 12 लाख ऐसे लोगों को चिन्हित किया, जिनसे उनको हाउस टैक्स लेना था. एमसीडी ने 12 लाख लोगों को हाउस टैक्स जमा कराने के लिए यूपीआईसी कार्ड भी दिया था. अगर इन 12 लाख लोगों से मिलने वाले पैसे को सही तरीके से एमसीडी के मालखाने में जमा करा करा दिया जाए, तो एमसीडी को हर साल लगभग 2100 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में मिलेंगे. यह भी पढ़े: दिल्ली: निलंबन के विरोध में AAP पार्षद करेंगे धरना प्रदर्शन, सदन में दुर्व्यवहार करने और किया गया था निलंबित
दुर्गेश पाठक ने आगे कहा कि भाजपा शासित नॉर्थ एमसीडी ने ब्यौरा दिया है कि वह करीब 4 लाख घरों से हाउस टैक्स के रूप में 700 करोड़ रुपये इकट्ठा करते हैं. बाकी बचे हुए 8 लाख लोगों के टैक्स का ब्यौरा भाजपा शासित एमसीडी नहीं देती है. इन 8 लाख लोगों का हाउस टैक्स करीब 1400 करोड़ रुपये बैठता है. इन लोगों से मिलने वाले 1400 करोड़ रुपये कहां चले जाते हैं? इस बात की कोई जानकारी नहीं है. नॉर्थ एमसीडी को 12 लाख घरों से 2100 करोड़ रुपये का टैक्स लेना होता है, लेकिन वह इसका ब्यौरा सिर्फ 700 करोड़ रुपए दिखाते हैं. बाकी के 1400 करोड़ रुपये भाजपा के नेता मिल बांट कर खा जाते हैं. आज एमसीडी का कोई भी कागज उठाकर देखें, तो उसमें भ्रष्टाचार की झलक साफ नजर आ जाती है. उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह हो गई है कि भाजपा के नेता हर साल करीब 1400 करोड़ रुपए जो टैक्स के रूप में एमसीडी को मिलते हैं, उसे खा जाते हैं. इसी भ्रष्टाचार के चलते एमसीडी के डॉक्टरों नर्सों और अन्य कर्मचारियों को वेतन तक नहीं मिल पा रहा है. करीब 24000 एमसीडी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन तक नहीं मिल पा रही है. मैं दिल्ली की जनता को बताना चाहता हूं कि अगर कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है, तो उसका सबसे बड़ा कारण यह है कि भाजपा के नेता नॉर्थ एमसीडी के हर साल करीब 1400 करोड़ रुपए खा जाते हैं. यह भी पढ़े: AAP ने दिल्ली सरकार पर MCD का फंड बकाया होने का दावा कर रही BJP पर साधा निशाना, कहा- केंद्र पर 12 हजार करोड़ रुपये बकाया
दुर्गेश पाठक ने आगे कहा कि भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचार के चलते कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है और 24000 सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिल पा रही है. एक तरफ, एमसीडी के कर्मचारी अपने वेतन को लेकर धरना कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ, भाजपा के नेता एमसीडी में भ्रष्टाचार पर भ्रष्टाचार किए जा रहे हैं. भाजपा नेताओं ने एमसीडी को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है. मैं मांग करता हूं कि हाउस टैक्स के रूप में लिए जाने वाले 1400 करोड़ रुपये कहां जाते हैं? इसकी निष्पक्ष रुप से जांच होनी चाहिए. 1400 करोड़ रुपये कहां जाते हैं और किन-किन लोगों में बंटते हैं, इसकी पूरी जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.