कोलकाता, 19 जनवरी: भाजपा ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का जश्न मनाने के कार्यक्रमों में बाधा डालने का आरोप लगाया. वहीं, टीएमसी ने भाजपा के आरोपों का खंडन करते हुए पलटवार भी किया.
कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा सोमवार को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी की ‘संप्रीति रैली’ को मंजूरी दिए जाने के बाद राज्य में सत्तारूढ़ दल और विपक्षी दल भाजपा के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है.
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि पुलिस राज्य के विभिन्न हिस्सों में राम पूजा आयोजकों को ‘‘मामूली आधार’’ पर अनुमति देने से इनकार कर रही है. भाजपा नेता ने कहा, ‘‘केवल इस राज्य में ही श्री राम पूजा के आयोजन में इतनी परेशानी क्यों है? किसी अन्य राज्य में भक्तों को ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा है. पुलिस मामूली आधार पर आयोजकों को अनुमति देने से इनकार क्यों कर रही है? उन्हें ऐसे परेशान किया जा रहा है जैसे कि राम पूजा का आयोजन करके वे कोई अपराध कर रहे हों.’’
वहीं, टीएमसी ने भाजपा पर अफवाह फैलाने और राज्य का माहौल खराब करने का प्रयास करने का आरोप लगाया. वरिष्ठ टीएमसी नेता और उद्योग मंत्री शशि पांजा ने कहा, ‘‘मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि वह कितना नीचे गिर सकते हैं. हम दुष्प्रचार के माध्यम से सांप्रदायिक अशांति फैलाने के भाजपा के निरंतर प्रयासों की कड़ी निंदा करते हैं. हम राज्य के अधिकारियों से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी आग्रह करते हैं, जो सांप्रदायिक तनाव भड़काने का प्रयास कर रहे हैं.’’
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