बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha Chunav 2020) को लेकर अब नेताओं के बीच जुबानी जंग और पोस्टर वॉर शुरू हो गया है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव जहां सीएम नीतीश कुमार की सरकार पर निशाना साध रहे हैं. वहीं नीतीश खेमा भी आरजेडी पर पलटवार करने से नहीं चुक रही है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और उनका परिवार सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) 73वां जन्मदिन मना रहे हैं. JDU ने इस मौके पर भी RJD पर हमला किया है. दरअसल बिहार में जहां लालू यादव के जन्मदिन के लिए बधाई पोस्टर लगा है. वहीं दूसरी तरफ JDU ने भी लालू यादव के परिवार में 73 साल में 73 अकूत संपत्ति का ब्यौरा दिया गया है.
बिहार में JDU द्वारा लगाए गए पोस्टर पर बड़े अक्षरों में लिखा है कि, लालू परिवार का संपत्ति नामा, 73वें जन्मदिवस पर 73 संपत्ति श्रृंखला. वहीं पोस्टर में लालू यादव का पूरा परिवार है. एक तरफ जहां आरजेडी इस बार के विधानसभा चुनाव में जीत के लिए पूरी कोशिश कर रही है. वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार फिर से सत्ता में वापसी के लिए हर मुमकिन कोशिश में लग गए हैं. इससे पहले नीतीश कुमार सहयोगी दल बीजेपी ने वर्च्युल रैली कर के चुनावी शंखनाद कर दिया है. ऐसे में इस बार की चुनावी समर बेहद रोचक होने वाली है. यह भी पढ़ें:- बिहार विधानसभा चुनाव 2020: इस मुद्दे को लेकर RJD और कांग्रेस आमने-सामने, क्या इलेक्शन से पहले टूट जाएगा महागठबंधन.
ANI का ट्वीट:-
Bihar: Poster put up by RJD leaders, wishing Lalu Prasad Yadav on his birthday, & another poster put by JD(U), claiming to be a list of 73 properties acquired by him & his family using political influence, seen side-by-side in Patna.
Lalu Yadav celebrates his 73rd birthday today pic.twitter.com/ZubYV5jzyx
— ANI (@ANI) June 11, 2020
गौरतलब हो कि इससे पहले भी के पोस्टर JDU ने लगाया था. जिसमें आरजेडी की सरकार को 'पति-पत्नी की सरकार' बताते हुए निशाना साधा गया. कहा जा रहा है कि यह पोस्टर सत्तारूढ़ दल के समर्थकों द्वारा लगाया गया.पोस्टर का शीर्षक 'पति-पत्नी की सरकार' दिया गया है. 15 सालों में अपहरण, दुष्कर्म, रंगदारी, घोटाला, गुंडागर्दी, हत्या और लूट का जिक्र पोस्टर में किया गया है.
पोस्टर में लिखा है, सौदागरों को लज्जा भी भला क्यों, उनके लिए व्यापार थी सरकार. पोस्टर में आगे लिखा गया है, जनता कहे पुकार के, जब भी जी करता था, कुछ करूं, क्या करता? डर लगता था. कैसे उतारूं 'सुख' की ये गठरी, कहां धरूं डर लगता था.