पटना: बिहार की सियासत में चुनाव के बाद भी उठापटक जारी है. अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में JDU के सात में से छह विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद बिहार का सियासी पारा काफी गर्म हो गया है. एक तरफ जहां सीएम नीतीश कुमार बोल चुके हैं कि उन्हें सूबे का मुख्यमंत्री बनने की इच्छा नहीं थी, बीजेपी अपना सीएम बना सकती है तो वहीं अब विपक्ष भी बीजेपी और JDU की आपसी तनातनी में मौके की तलाश कर रहा है. इस बीच अब लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और उनके बेटे तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने बहुत बड़ा दावा किया है. जिसके बाद से लग रहा है कि सूबे की सियासत में कोई बड़ा उलटफेर होने की संभावना है.
आरजेडी का कहना है कि JDU के 17 विधायक उनकी पार्टी के संपर्क में हैं. आरजेडी ने इशारा किया है कि ये विधायक उनकी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. यह दावा ऐसे समय में किया गया है जब JDU और सीएम नीतीश कुमार बीजेपी से खफा चल रहे हैं. इतना ही नहीं कांग्रेस की ओर से तो सीएम नीतीश को सलाह भी दी गई कि वे बिहार में विपक्ष के संपर्क में रहें. पटना: नीतीश कुमार ने सीपी सिंह को अध्यक्ष बनाकर खेला नया सियासी दांव, कहा- संगठन नहीं बिहार पर देंगे ध्यान.
ऐसे में RJD जो कह रही है वह सच है तो बिहार में नीतीश की अगुवाई वाली एनडीए सरकार को खतरा है. इन विधायकों के RJD में शामिल होने के बाद RJD सरकार बनाने की स्थिति में आ जाएगी. हालांकि इस दावे को अभी तक JDU झूठा करार दे रही है.
RJD ने सीएम नीतीश को दिया पीएम बनने का ऑफर
इससे पहले बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ आरजेडी नेता उदय नारायण चौधरी और पार्टी नेता विजय प्रकाश ने JDU को एनडीए छोड़कर विपक्ष के साथ आने का ऑफर दिया था. अरुणाचल प्रदेश में JDU विधायकों को BJP में शामिल किए जाने के मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए दोनों नेताओं ने कहा कि नीतीश कुमार खुद पीएम बनें और तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाएं.
उदय नारायण चौधरी और विजय प्रकाश ने कहा कि बीजेपी द्वारा किए जा रहे अपमान के बाद अब नीतीश कुमार जी को फैसला लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि वे बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी तेजस्वी प्रसाद यादव को सौंप दें, बदले में RJD उन्हें विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाने को तैयार है.