पटना: इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2020) की तैयारियों में सभी राजनीतिक दल जोरशोर से जुट गए है. इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में फूट पड़ती नजर आ रही है. कभी सूबे की सत्ता पर काबिज रही आरजेडी में सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है. आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि लालू प्रसाद यादव ने उनका इस्तीफा अस्वीकार किया है.
दिल्ली के एम्स अस्पताल में स्वास्थ्य कारणों से भर्ती दिग्गज नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद को एक पत्र लिखकर इस्तीफा देने की घोषणा की है. हालांकि लालू यादव ने उनका इस्तीफा नहीं स्वीकारा है और कहा “चार दशकों में हमने हर राजनीतिक, सामाजिक और यहां तक कि पारिवारिक मामलों में मिल-बैठकर ही विचार किया है. आप स्वस्थ हो जाएं फिर बैठकर बात करेंगे. आप कहीं नहीं जा रहे हैं.” Bihar Assembly Elections 2020: असदुद्दीन ओवैसी ने बिगाड़ा महागठबंधन के सीटों का समीकरण, NDA को हो सकता है फायदा
आप स्वस्थ हो जाएं फिर बैठकर बात करेंगे। आप कहीं नहीं जा रहे हैं : रघुवंश प्रसाद सिंह को लिखे पत्र में राजद नेता लालू यादव
रघुवंश प्रसाद सिंह ने आज पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। वे वर्तमान में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली में भर्ती हैं। pic.twitter.com/1p5PvjAkcM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 10, 2020
सिंह ने लालू यादव को पत्र में लिखा, "कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्ष तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा, लेकिन अब नहीं." उन्होंने पत्र में लोगों से माफी मांगते हुए आगे लिखा है, "पार्टी, नेता, कार्यकर्ता और आमजन ने बड़ा स्नेह दिए. क्षमा करें." सिंह पूर्व सांसद रामा सिंह के पार्टी में आने की सूचना के बाद से नाराज थे. पिछले महीने नाराज रघुवंश प्रसाद सिंह के समर्थकों ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर जमकर नारेबाजी की और रामा सिंह का विरोध भी किया था. RJD के पांच एमएलसी ने पार्टी छोडी, रघुवंश ने उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया
उधर, बिहार के पूर्व मंत्री तेजप्रताप ने रघुवंश प्रसाद सिंह के पार्टी छोड़ने की चर्चा के बीच पार्टी को समुद्र कहते हुए उन्हें 'एक लोटा पानी' बता दिया. सिंह के इस्तीफे को लेकर आरजेडी के नेता फिलहाल खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं. हालांकि तेजस्वी यादव ने अस्पताल में जाकर पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंह से मुलाकात कर उन्हें मनाने की कोशिश की थी. जबकि बीजेपी समेत विपक्षी दल आरजेडी पर जमकर निशाना साध रहे है.
माना जा रहा है कि रामा सिंह के आरजेडी में 'एंट्री' होते ही रघुवंश प्रसाद 'लालटेन' का साथ छोड़कर नीतीश कुमार की जेडीयू का 'तीर' थाम सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो राज्य में महागठबंधन कमजोर हो जाएगा जबकि सत्ताधारी एनडीए को बड़ा फायदा पहुंचने की उम्मीद है.