बिहार में विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दल के बीच एक-दूसरे से खुद को अच्छा साबित करने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. हर दल के नेता खुद को अन्य दल के नेताओं से बेहतर बताने में जुट गए हैं. लेकिन इस बीच कांग्रेस के सामने एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है. दरअसल बिहार चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन ने अपने 243 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. लेकिन वहीं, पूर्व विधायक ललित नारायण मिश्रा के पोते ऋषि मिश्रा (Rishi Mishra) ने अपनी पार्टी कांग्रेस (Congress) के खिलाफ बोलने लगे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव में जिन्ना समर्थक को टिकट दिया जाना रास नहीं नहीं आ रहा है.
ऋषि मिश्रा ने कहा कि यह एक क्रूर मजाक है. पार्टी की तरफ से अगर किसी और को टिकट मिल जाता तो मैं ठीक होता, लेकिन उन्होंने इसे जिन्ना के अनुयायी को दिया है. जिनके खिलाफ राजद्रोह का मामला है. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार मस्कुर उस्मानी (Maskoor Usmani) को टिकट दिया है. उन्होंने जिन्ना की तस्वीर अपने कार्यालय में लगाई थी. बता दें कि मशकूर उस्मानी पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्र संघ के नेता रहने के दौरान कमरे में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगाने का आरोप लगा था. जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ था. यह भी पढ़ें:- Bihar Assembly Election 2020: महागठबंधन ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सभी 243 सीटों के उम्मीदवारों की लिस्ट की जारी, यहां जानें कैंडिडेट नाम.
ANI का ट्वीट:-
It's a cruel joke. I left JD(U) to contest from Jale. I would've been okay if someone else got ticket but they gave it to a Jinnah follower who has sedition case against him. He (Congress candidate Maskoor Usmani) puts Jinnah's photo in his office: Rishi Mishra, Congress #Bihar https://t.co/Tcc3kqW9zN pic.twitter.com/9juWLcTiEi
— ANI (@ANI) October 16, 2020
गौरतलब हो कि ललित नारायण मिश्रा 1970 के दशक में बिहार में कांग्रेस के एक कद्दावर नेताओं में से एक थे. रभंगा जिले में जाले विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में विधायक बने ऋषि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार जिबेश कुमार के हाथों पराजित हो गए थे. उन्ही के पोते हैं ऋषि मिश्रा. ज्ञात हो कि ऋषि मिश्रा इससे पहले नीतीश कुमार की पार्टी JDU में थे. लेकिन बाद में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था.