देश में भर में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर मचे बबाल में एक डराने वाला सच भी सामने आया है. हिंसा फैलाने वालों में हजारों लोग ऐसे हैं, जिन्हें इतना भर बताया-समझाया गया है कि उन्हें भारत से वापस बांग्लादेश भगा दिया जाएगा. अब तक परदे के पीछे छिपा यह सच तब सामने आया, जब दक्षिण-पूर्वी दिल्ली जिला पुलिस ने जामिया नगर फसाद-आगजनी में 9-10 लोगों को गिरफ्तार किया. उल्लेखनीय है कि बीते रविवार को राजधानी में जामिया नगर से ही हिंसा की शुरुआत हुई थी.
दिल्ली पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने शनिवार को आईएएनएस को बताया, "दक्षिण पूर्वी जिला पुलिस ने जिन लोगों को अब तक हिंसा के लिए पकड़ा है, उनमें चार बंग्लादेशी हैं. चारों बांग्लादेशी अवैध रूप से लंबे समय से जिले की तैमूर नगर कॉलोनी में छिपकर रह रहे थे. न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाना पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद जब इनसे हिंसा में शामिल होने की वजह पूछी तो वे साफ साफ नहीं बता सके. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि उन्हें तो बस इतना बताया गया था कि बांग्लादेशियों को भारत से भगाया जा रहा है."
न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार इन बांग्लादेशियों के नाम जुम्मन, अनवर काला, एनल हुसैन और युनूस बताए जाते हैं. ये चारों मादक पदार्थ बेचने का भी काला धंधा गली-मुहल्लों में करते हैं. खुद भी नशा करते हैं. न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने के एक पुलिसकर्मी के अनुसार, रविवार को जब ये चारों जामिया नगर, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाना इलाके में पुलिस पर पथराव कर रहे थे, उस वक्त भी नशे की हालत में थे.
इस खुलासे के बाद दिल्ली पुलिस के हर जिले में मौजूद बांग्लादेशी प्रकोष्ठ हरकत में आ गए हैं. जिले में रह रहे बांग्लादेशियों की कुंडली जिला पुलिस खंगालने लगी है. पुलिस को इस खुलासे के बाद अंदेशा ही नहीं रह गया, वरन पुख्ता भी हो चुका है कि कहीं न कहीं राजधानी को फसाद की आग में झोंकने में ये अशिक्षित और कानून की पूरी हकीकत से अनजान चंद बांग्लादेशियों के कंधे पर बंदूक रखकर कोई और तो गोली नहीं चला या चलवा रहा है.