असम में मोबाइल इंटरनेट सेवा हुई बहाल, सीएम सर्वानंद सोनोवाल बोले- हमारी भाषा और अस्मिता पर कोई खतरा नहीं है
असम में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं शुक्रवार (20 दिसंबर) से बहाल कर दी गई हैं. दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा कारणों के मद्देनजर असम में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं 11 दिसंबर से बंद थीं.
असम (Assam) में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं (Mobile Internet Services) शुक्रवार (20 दिसंबर) से बहाल कर दी गई हैं. दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा कारणों के मद्देनजर असम में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं 11 दिसंबर से बंद थीं. इस बीच, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) ने कहा है कि मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि नागरिकता संशोधन कानून से असम की संस्कृति, पहचान या लोगों को कोई खतरा नहीं है. कुछ लोग जनता को गुमराह कर रहे हैं.
सीएम सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि इस कानून के कारण किसी भी तरह से असम का सम्मान प्रभावित नहीं होगा. उन्होंने कहा कि लोगों का समर्थन हमें हमेशा मिलता रहेगा और राज्य में हम सब शांति के साथ आगे बढ़ेंगे. इससे पहले असम सरकार ने कहा था कि मोबाइल इंटरनेट सेवा शुक्रवार से बहाल कर दी जाएगी हालांकि गुवाहाटी हाईकोर्ट ने गुरुवार शाम पांच बजे ही इंटरनेट सेवा बहाल करने के आदेश दे दिए थे. यह भी पढ़ें- CAA Protest: नागरिकता कानून पर मचे बवाल से टला असम TET एग्जाम, अब 19 जनवरी 2020 को आयोजित की जाएगी परीक्षा.
उल्लेखनीय है कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ गुरुवार को भी पूरे असम में प्रदर्शन जारी रहे लेकिन इस दौरान हिंसा की कोई खबर नहीं आई. असम में विपक्षी कांग्रेस ने पूरे राज्य में ‘जन सत्याग्रह’ आयोजित किया. उनके पूर्व मंत्रियों, सांसदों, विधायकों तथा वरिष्ठ नेताओं ने विभिन्न स्थानों पर धरने दिए.
उधर, बीजेपी विधायकों के एक समूह ने गुरुवार को असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल से मुलाकात की और उनसे संशोधित नागरिकता अधिनियम के संबंध में लोगों के बीच भय और संदेहों को दूर करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया.