तीन तलाक पर असदुद्दीन ओवैसी का मोदी सरकार से सवाल- मुस्लिम महिलाओं से हमदर्दी तो हिंदू से क्यों नहीं? उठाया सबरीमाला मुद्दा
असदुद्दीन ओवैसी (Photo Credits: IANS)

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने लोकसभा में आज शुक्रवार को तीन तलाक बिल पेश कर दिया है. इस दौरान सदन में जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस के साथ सभी विरोधी दलों ने इस बिल का विरोध किया. तीन तलाक बिल का विरोध करते हुए हैदराबाद से सांसद और AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि यह संविधान विरोधी है. मोदी सरकार को मुस्लिम महिलाओं से हमदर्दी है तो केरल की हिंदू महिलाओं से मोहब्बत क्यों नहीं? आखिर सबरीमाला पर आपका रुख क्या है. क्यों आप सबरीमाला के फैसले के खिलाफ हैं? यह गलत हो रहा है.

ओवैसी ने कहा कि तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ है कि अगर कोई शख्स एक समय में तीन तलाक देता है तो शादी नहीं टूटेगी. ऐसे में बिल में जो प्रवाधान है, उससे पति जेल चला जाएगा और उसे 3 साल जेल में रहना होगा. ऐसे में मुस्लिम महिला को गुजारा-भत्ता कौन देगा? ओवैसी ने पूछा यह भत्ता क्या आप (सरकार) देंगे?

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तीन तलाक विधेयक पर सवाल उठाते हुए सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर किसी गैर मुस्लिम को केस में डाला जाए तो उसे 1 साल की सजा और मुसलमान को 3 साल की सजा. क्या यह आर्टिकल 14 और 15 का उल्लंघन है. इस बिल से सिर्फ मुस्लिम पुरुषों को सजा मिलेगी. आप मुस्लिम महिलाओं के हित में नहीं हैं बल्कि आप उन पर बोझ डाल रहे हैं.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सदन में कहा कि मैं इस बिल के पेश किए जाने का विरोध करता हूं. उन्होंने कहा कि मैं तीन तलाक का समर्थन नहीं करता हूं लेकिन इस बिल के विरोध में हूं. थरूर बोले कि ये बिल संविधान के खिलाफ है, इसमें सिविल और क्रिमिनल कानून को मिला दिया गया है.

उन्होंने कहा कि अगर सरकार की नजर में तलाक देकर पत्नी को छोड़ देना गुनाह है, तो ये सिर्फ मुस्लिम समुदाय तक ही सीमित क्यों है. उन्होंने कहा कि क्यों ना इस कानून को सभी समुदाय के लिए लागू किया जाना चाहिए. कांग्रेस की ओर से कहा गया कि सरकार इस बिल के जरिए मुस्लिम महिलाओं को फायदा नहीं पहुंचा रही है बल्कि सिर्फ मुस्लिम पुरुषों को ही सजा दी रही है. कांग्रेस की ओर से मांग की गई है कि बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाए और इस पर सही तरीके से चर्चा हो. सभी तरह की राय पर विचार किया जाए.