दिल्ली पहुंचा AMU विवाद: जामिया मिलिया में लगे 'जिन्ना प्रेमी भारत छोड़ो' और 'वंदे मातरम' के नारे
प्रदर्शनकारियों ने यहां 'जिन्ना प्रेमी भारत छोड़ो' और 'वंदे मातरम' के नारे लगाए(Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर का मामला अब राजधानी दिल्ली तक पहुंच गया है. नई दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया के मेन गेट पर मंगलवार शाम को करीब दो दर्जन प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने यहां 'जिन्ना प्रेमी भारत छोड़ो' और 'वंदे मातरम' के नारे लगाए. हालांकि, कुछ देर नारेबाजी करने के बाद प्रदर्शनकारी वापस चले गए.

दूसरी तरफ इस मामले पर  बाबा रामदेव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.रामदेव ने कहा कि जिन्ना भारत की अखंडता और एकता के लिए आदर्श तो हो ही नहीं सकता.

बाबा ने आगे कहा कि, 'अब मुसलमान तो चित्रों और मूर्तियों में विश्वास नहीं रखते. उनको तो इस बारे में चिंता ही नहीं करनी चाहिए. जिन्ना भारत की अखंडता और एकता के लिए आदर्श तो हो नहीं सकता, पाकिस्तान के लिए शायद हो सकता है.'

गौरतलब है कि बीजेपी सांसद की आपत्ति के बाद ये मामला सभी के सामने आया था. जिसके बाद इसको लेकर हंगामा मचा हुआ है. AMU के मौजूदा छात्र और पूर्व छात्रों ने जिन्ना की तस्वीर को हटाने से इनकार कर दिया था, हालांकि कुछ समय के लिए तस्वीर को हटाया गया था.

छात्रों ने लगातार AMU के बाहर इसको लेकर प्रदर्शन भी किया था, इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था. इस मुद्दे पर छात्रों ने कहा है कि जिन्ना भारतीय इतिहास का हिस्सा हैं, इसलिए वह उनकी तस्वीर नहीं हटाएंगे. तनाव को देखते हुए यूनिवर्सिटी में कुछ दिनों के लिए इंटरनेट की सेवा पर भी रोक लगा दी गई थी.

#आखिर क्या है पूरा मामला।

बताते चले कि बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने यूनिवर्सिटी के वीसी से छात्रसंघ हॉल में लगी जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग की थी. जिसके बाद इस मामले पर सियासत शुरू हुई थी.

इसके बाद बुधवार को हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग करते हुए AMU के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. उन पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के कार्यक्रम में दखल डालने की कोशिश का भी आरोप लगा. जिसके बाद 6 कार्यकर्ताओं को पुलिस के हवाले कर दिया गया था.

छात्रसंघ ने आरोप लगाया था कि हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और बिना मामला दर्ज किए छोड़ दिया. इससे नाराज छात्रसंघ पदाधिकारी थाने पहुंचे और विरोध किया. साथ ही आरोप था कि इस दौरान छात्र एसपी सिटी से धक्का-मुक्की करने लगे थे. जिसके बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया और इसमें करीब 15 छात्र घायल हुए थे.जिसके बाद इस पुरे मामले को लेकर रोजाना कुछ ना कुछ सामने आ ही रहा है.