असम में कांग्रेस पर बरसे अमित शाह, बोले- भारतीय जनता पार्टी ही रोक सकती है घुसपैठ
अमित शाह (Photo Credits-ANI Twitter)

असम में गृह मंत्री अमित शाह ने असम में विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी. इस मौके गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, पूर्वी भारत में कभी आंदोलन और हिंसा हुआ करती थी. अलग-अलग समूह हाथ में हथियार लिये दिखते थे, आज वो सारे मुख्यधारा के साथ जुड़े दिखते हैं. एक बहुत बड़े परिवर्तन की शुरुआत नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हुई है. मुझे आज बहुत आनंद है कि श्रीमंत शंकरदेव का जो जन्मस्थान था, वो घुसपैठियों ने कब्जाया हुआ था. उसे खाली करके आज शंकर देव की महान स्मृति को चीर काल तक स्थायी करने का काम हेमंत बिस्वा शर्मा और हमारे मुख्यमंत्री जी करने जा रहे हैं. असम में एक समय आंदोलनों का दौर आया, अलग-अलग बातों को लेकर आंदोलन हुए, सैकड़ों युवा मारे गए. असम की शांति को भंग कर दिया गया साथ ही असम के विकास को रोक दिया गया.

मोदी जी ने पूर्वोत्तर के विकास को केंद्र में रखकर 6 साल तक सरकार चलाई है, आगे भी हमारी सरकार पूर्वोत्तर की सेवा करती रहेगी। 5 साल में कभी-कभी कोई प्रधानमंत्री पूर्वोत्तर आ जाए तो आए जाए, मोदी जी ने 6 साल में 30 बार पूर्वोत्तर का दौरा किया और हर बार तोहफा लेकर आए. अमित शाह ने कहा, असम की सबसे बड़ी समस्या दो ही हैं, घुसपैठ और बाढ़. कांग्रेस और बाकी दल क्या घुसपैठ रोक सकते हैं? घुसपैठ नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ही रोक सकती है. पीएम मोदी ने DDC चुनाव का जिक्र कर कांग्रेस पर साधा निशाना, विपक्षी मुझे कोसते हैं, लेकिन पुडुचेरी में पंचायत चुनाव नहीं होने देते.

ANI का ट्वीट:-

इस दौरान अमित शाह ने किसानों के आंदोलन का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा, अभी कुछ लोग कृषि सुधार कानूनों को लेकर बड़ा आंदोलन कर रहे हैं. मैं सभी से इस मौके पर अपील करना चाहता हूं कि आप मुख्यधारा में आइये, सरकार के साथ चर्चा कीजिये और समस्या का समाधान ढूंढ़िए. असम को लेकर उन्होंने कहा कि जहां तक बीजेपी का सवाल है, असम को इन 6 साल के अंदर हमने कभी पराया नहीं समझा.

किसानों के आंदोलन पर बोले अमित शाह:-

असम को दिल्ली ने प्राथमिकता दी है, नार्थ ईस्ट को प्राथमिकता दी है. हर योजना का फायदा असम और यहां की जनता को पहुंचे इसका प्रयास हमने किया है. उन्होंने कहा, चुनाव का मौसम आने वाला है. फिर से ये अलगाववाद की बात करने वाले चेहरा और रंगरूप सब बदलकर लोगों के बीच मे आएंगे. हमें उल्टा सुलटा समझाएंगे, आंदोलन की दिशा में ले जाएंगे.