चंडीगढ़: पांच राज्यों में हुई विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में करारी हार के बाद बीजेपी (BJP) के पास आम चुनावों से पहले दम दिखाने का एक और मौका है. सीधे शब्दों में कहे तो इस चुनाव में जीत हासिल करना बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल होगा. हरियाणा में 16 दिसंबर को निगम चुनाव होने वाले है. इसके तहत सूबे में पांच नगर निगम व दो नगरपालिकाओं पर चुनाव कराया जाएगा.
हरियाणा चुनाव आयोग के मुताबिक, मतदान 16 दिसंबर को सुबह 7.30 बजे से शाम 4:30 बजे तक होगा. लगभग सभी जरुरी तैयारियां पूरी कर ली गई है. इसके साथ ही अबकी बार का नगर निगम चुनाव ज्यादा अहम है. दरअसल चुनाव आयोग ने फैसला लिया है कि निगम चुनाव में नोटा यानि 'इनमें से कोई नहीं' को प्रत्याशी के तौर पर माना जायेगा. इसके अलावा इस बार मेयर का चुनाव भी सीधे तौर पर हो रहा है.
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यह प्रयोग देश में पहली बार होने वाला है. इसके तहत अगर किसी निर्वाचन क्षेत्र में नोटा को सबसे अधिक मत मिलते हैं तो वहां दोबारा चुनाव कराया जाएगा. इसी के साथ पहली बार चुनाव में हिस्सा लेने वाले सभी प्रत्याशियों को अयोग्य घोषित कर दिया जायेगा. जीत सुनिश्चित करने के लिए
निगम चुनाव में निगम चुनाव बीजेपी और कांग्रेस के साथ ही सभी प्रमुख पार्टिया इंतजाम में पूरे दमखम के साथ जुट गई है. सूबे में चार साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के लिए यह किसी परीक्षा से कम नहीं है. क्योकि राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव नतीजे को विपक्षी नेता जरुर जनता के सामने रखेंगे जिसका सीधा असर बीजेपी के वोटबैंक पर पड़े सकता है.
गौरतलब हो कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों की दृष्टि से भी यह निगम चुनाव बीजेपी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. हरियाणा में लोकसभा की दस सीटों में से बीजेपी के खाते में सात सीटें आई थीं. उस समय देश में पीएम मोदी की लहर थी. जो कि हाल ही में संपन्न हुए चुनावों के नतीजे देखकर कम होता दिख रहा है.