चंडीगढ़: इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के जेल में बंद प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में अपने बड़े पुत्र अजय सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है, जिसके बाद चौटाला परिवार में आपसी विवाद और गहरा गया है. यह निर्णय सोमवार को किया गया और हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं अजय के छोटे भाई अभय सिंह चौटाला की ओर से बुधवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की गई. अजय सिंह प्रदेश में शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और अपने पिता ओ पी चौटाला के साथ 10 साल की जेल की सजा काट रहे हैं. फिलहाल वह पैरोल पर दो हफ्तों के लिए जेल से बाहर हैं. उन्हें पार्टी की राज्य इकाई के महासचिव पद से भी हटा दिया गया है.
इनेलो प्रमुख ने अजय सिंह चौटाला के दो पुत्रों...हिसार से सांसद दुष्यंत और उनके भाई दिग्विजय को दो हफ्ते पहले पार्टी से निष्कासित कर दिया था. अजय सिंह की पत्नी और इनेलो विधायक नैना चौटाला हालांकि अपने दोनों पुत्रों के खिलाफ कार्रवाई के बाद पार्टी के भीतर अपने आलोचकों के खिलाफ काफी मुखर हुईं थीं लेकिन उन पर किसी तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई है. अभय सिंह चौटाला ने संवाददाता सम्मेलन में पहली बार अपने बड़े भाई पर खुलकर हमला बोला और उन पर इनेलो को कमजोर करने के लिए भाजपा और कांग्रेस के इशारे पर चलने का आरोप लगाया.
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अभय ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा कभी नहीं रही लेकिन जो भी अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए पार्टी को कमजोर करने की कोशिश करेगा उसे कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी भी विधायक,सांसद अथवा इनेलो पदाधिकारी ने जींद में शनिवार को उनके बड़े भाई द्वारा बुलायी गयी बैठक में भाग लिया तो उसे कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
अजय के पुत्र दिग्विजय ने दावा किया कि ओमप्रकाश चौटाला को अंधेरे में रखा गया है और हो सकता है कि उन्हें इसकी जानकारी ही न हो. दिग्विजय ने आरोप लगाया कि यह षडयंत्र है और दावा किया कि इनेलो प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अशोक अरोड़ा द्वारा संवाददाताओं को दिखाया गया पत्र फर्जी है.
इनेलो प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने अभय सिंह चौटाला की मौजूदगी में अजय सिंह को पार्टी के निष्कासित करने की घोषणा की. इसके साथ ही पार्टी के 18 विधायकों में से नौ विधायकों और तीन सांसद में से दो को निष्कासित करने की घोषणा भी की. इससे पहले इस संबंध में ओम प्रकाश चौटाला द्वारा हस्ताक्षरित पत्र संवाददाताओं को दिखाया गया.
उन्होंने कहा कि इनेलो पार्टी के विधायकों और सांसदों की प्रदेश कार्यकारिणी की 17 नवंबर को चंडीगढ़ में बैठक बुलाई गयी थी. इसी दिन अजय सिंह ने जींद में बैठक बुलाई थी. अरोड़ा ने दावा किया कि अजय सिंह द्वारा जींद बुलाई गयी बैठक ‘पार्टी के संविधान का उल्लंघन है, क्योंकि इस तरह की बैठक पार्टी अध्यक्ष की अनुमति के बिना नहीं बुलाई जा सकती है.’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की अनुमति के बिना इस तरह की बैठक बुलाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है.’’ गौरतलब है कि ओम प्रकाश चौटाला ने अपने पत्र में कहा है कि पार्टी से ऊपर कोई भी नहीं है और पार्टी सबसे ऊपर है. इसमें इनेलो प्रदेश इकाई के महासचिव अजय चौटाला की कार्य प्रणाली को ‘पार्टी विरोधी’ बताया गया है.