Prashant Kishor Next Targets: 11 फरवरी 2020 को दिल्ली विधान सभा चुनाव के परिणामों ने एक बार फिर प्रशांत किशोर की दक्षता को साबित कर दिखाया है. प्रशांत किशोर जो चुनावी रणनीतिकार के रूप में तेजी से लोकप्रिय हुए हैं, ने गत वर्ष 2019 दिसंबर में आम आदमी पार्टी के साथ हाथ मिलाया था. दिल्ली में ‘आप’ को बंपर जीत दिलाने के बाद प्रशांत किशोर ने ट्विटर पर दिल्लीवासियों को भारत की आत्मरक्षा हेतु एकजुट होने के लिए शुक्रिया कहा है. प्रशांत किशोर भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी जनता दल (यू) के लिए कार्य कर रहे थे. लेकिन नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) और नागरिक राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) पर उनके विरोधीपूर्ण रवैये को देखते हुए जनता दल (यू) ने 28 जनवरी को प्रशांत को बाहर का रास्ता दिखाया था. दरअसल प्रशांत किशोर ने सीएए, एनआरसी और एनएसई के लिए केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की थी.
यद्यपि प्रशांत किशोर आज भी एक सफल रणनीतिकार के रूप में निरंतर मांग में बने हुए हैं. 2 फरवरी को डीएमके नेता एम के स्टेलिन भी प्रशांत किशोर की कंपनी भारतीय राजनीतिक कार्रवाई समिति (IPAC), को अपने साथ जोड़ने की घोषणा कर चुके हैं. इसके अलावा प्रशांत की कंपनी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए भी कार्य कर रहे हैं. हालांकि प्रशांत किशोर ने इस संदर्भ में अपनी योजनाओं के बारे में विस्तार से नहीं बताया. उनके एक करीबी सहयोगी ने बताया कि प्रशांत किशोर एक राजनेता के रूप में बिहार चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाएंगे न कि एक रणनीतिकार के रूप में.
उनके एक सहयोगी ने अपना नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि आज जो कुछ बिहार में दिख रहा है, दो-तीन महीने बाद उससे अलग दिखेगा बिहार. बता दें कि इसी साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं. प्रशांत जो खुद बिहार से आते हैं इस चुनावों में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. इसके आलावा अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में वे ममता बनर्जी का प्रचार अभियान संभालने वाले हैं. यह उनकी सबसे बड़ी चुनौती होगी, सूबे में बीजेपी काफी आक्रामक है और वे ममता दीदी को सत्ता से बेदखल करने के लिए एडी-छोटी का दम लगा रही है.