दिल्ली सरकार (Delhi Government) बनाम उपराज्यपाल (L-G) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की प्रतिक्रिया पर बीजेपी (BJP) ने हमला बोला है. दरअसल, केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला संविधान और जनतंत्र के खिलाफ है. इस पर बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से केजरीवाल की करारी हार हुई है. संबित पात्रा ने कहा कि आज केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं किया है बल्कि कोर्ट की अवमानना की है. उन्होंने कहा कि हम केजरीवाल के खिलाफ अवमानना का केस दायर करने पर विचार कर रहे हैं.
संबित पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पहले शरद पवार, राहुल गांधी के खिलाफ नारे लगाकर कहते थे कि लोकतंत्र बचाना है, लेकिन क्या इस तरह से लोकतंत्र बचेगा. संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि एक तरफ तो केजरीवाल कह रहे हैं कि उन्होंने 4 साल शानदार सरकार चलाई, लेकिन दूसरी तरफ कहते हैं कि केंद्र-कोर्ट उन्हें काम नहीं करने दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि केजरीवाल को दोबारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगनी चाहिए.
S Patra on Delhi CM's press conference on SC's verdict on Delhi govt vs LG matter: We can't believe a democratically elected CM can use this type of language for Supreme Court. He has always been an anarchist; tampering with rules while putting constitution at stake is his method pic.twitter.com/l7FO2ixZye
— ANI (@ANI) February 14, 2019
Union Minister Kiren Rijiju: Arvind Kejriwal and Congress does not trust any constitutional body, they criticize the Election Commission, CAG, Supreme Court & other institutions. Anarchy is in their scheme of things. They don't trust anybody, they just want to rule and loot. pic.twitter.com/W83XpFssI8
— ANI (@ANI) February 14, 2019
वहीं, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस किसी भी संवैधानिक संस्था पर भरोसा नहीं करते हैं. वे चुनाव आयोग, कैग, सुप्रीम कोर्ट और अन्य संस्थानों की आलोचना करते हैं. उनकी बातों में अराजकता है. उन्हें किसी पर भरोसा नहीं है, वे सिर्फ शासन करना और लूटना चाहते हैं. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केजरीवाल ने कहा, ‘फैसला संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ है. हमलोग इसका कानूनी उपाय तलाश करेंगे.’ उन्होंने यह भी कहा कि यह दिल्ली की ‘जनता के साथ अन्याय’ है. यह भी पढ़ें- AAP Vs L-G: सुप्रीम कोर्ट का फैसला- ACB केंद्र के पास, 'सर्विसेज' के मामले पर मतभेद के बाद अब बड़ी बेंच करेगी सुनवाई
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में गुरुवार को अपना फैसला सुनाया. जस्टिस ए. के. सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच के फैसले के बाद भी मामला अभी पूरी तरह से सुलझा नहीं है, हालांकि कुछ मुद्दों पर जजों ने अपना फैसला साफ किया है. केंद्रीय कैडर के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के मुद्दे पर दोनों जजों में मतभेद रहा, इसलिए इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेज दिया गया है. जस्टिस ए. के. सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच हालांकि एंटी करप्शन ब्यूरो, जांच आयोग गठित करने, बिजली बोर्ड पर नियंत्रण, भूमि राजस्व मामलों और लोक अभियोजकों की नियुक्ति संबंधी विवादों पर सहमत रही.