भूख हड़ताल पर बैठे दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की तबीयत बिगड़ी, संजय सिंह ने पीएम पर साधा निशाना
सत्येंद्र जैन की तबीयत बिगड़ी (Photo Credit-ANI Twitter)

नई दिल्ली: उप राज्यपाल के आवास पर पिछले सात दिन से धरने पर बैठे दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की रविवार आधी रात को अचानक तबीयत बिगड़ गई. उन्हें फौरन एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अचानक तबियत बिगड़ने पर डॉक्टरों की एक टीम उन्हें एलएनजेपी अस्पताल लेकर गई. डॉक्टरों ने बताया कि मंत्री को कुछ दिनों तक अस्पताल में ही रखना पड़ेगा, उन्हें गलूकोज चढ़ाया जा रहा है. बताना चाहते है कि वह 11 जून से राजनिवास में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं. जैन के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी राजनिवास में धरने पर बैठे हुए हैं.

अरविंद केजरीवाल ने खबर की पुष्टि की है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,"सत्येंद्र जैन को खराब स्वास्थ्य के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया है.

डॉ. जेसी पासी के मुताबिक सत्येंद्र जैन फिलहाल ठीक हैं. सुबह से ही उनकी तबीयत खराब थी. उन्हें सिर दर्द और उल्टी हो रही थी. साथ ही सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. हमने एक टेस्ट कराया था. उनका किटोन काफी कम हो गए था. उनकी हालत देख उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिलहाल उनका सिर दर्द कम है.

सूत्रों ने बताया कि रविवार सुबह उनके स्वास्थ्य की रिपोर्ट में रक्त शर्करा का स्तर प्रति डीएल 64 एमजी था जबकि मूत्र में कीटोन का स्तर काफी बढ़ा हुआ था. रक्त चाप का स्तर 96-68 था और उनका वजन 78.5 किलोग्राम मापा गया.

दूसरी तरफ आप नेता ने एलजी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने में देर नहीं की. संजय सिंह ने भी ट्वीट किया, "सतेन्द्र जैन जी की तबियत ख़राब होने की वजह से उनको हॉस्पिटल में भर्ती कराया जा रहा है, लेकिन केंद्र की सत्ता में बैठे मोदी जी और उपराज्यपाल को कोई संवेदना नहीं है.

जानिए क्या है मामला?

गौरतलब है, दिल्ली में आईएएस अधिकारियों की हड़ताल के खिलाफ सीएम केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन राजनिवास में धरने पर बैठे हुए थे. इसमें सत्येंद्र जैन ने भूख हड़ताल की घोषणा की थी. इसी मांग को लेकर आम आदमी पार्टी ने रविवार को मंडी हाउस से संसद मार्ग तक मार्च किया था. यह मार्च पीएमओ तक था, लेकिन दिल्ली पुलिस से अनुमति नहीं मिलने के कारण इसे संसद मार्ग थाने पर ही खत्म कर दिया था. इसमें पार्टी के कई बड़े नेताओं समेत भारी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता शामिल हुए थे.

इस कड़ी में आईएएस अधिकारियों ने भी अपनी सफाई में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इसमें उन्होंने दिल्ली सरकार के सभी आरोपों को खारिज कर दिया था और अपनी असुरक्षा का मुद्दा उठाया था. जिसके बाद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था कि आईएएस अधिकारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है. वह लोग काम पर लौटें.