2019 अगर बीजेपी को नहीं मिला बहुमत तो मोदी नहीं इन 2 नेताओं में से एक होगा अगला प्रधानमंत्री
पीएम मोदी (Photo Credits: Getty)

अगले साल अप्रैल-मई के दौरान देश में आम चुनाव होने है. इन चुनावों के लिए सभी सियासी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. नए सियासी समीकरण बन रहे हैं तो कुछ पुराने बिगड़ भी रहे हैं. वैसे हाल ही में हुए 5 राज्यों के चुनावों में कांग्रेस को सफलता मिली. वहीं, 3 राज्यों में बीजेपी ने सत्ता गवां दी है जिसके बाद आने वाला आम चुनाव बेहद दिलचस्प हो गया हैं.

3 राज्यों में मिली जीत के बाद कांग्रेस के खेमे में उत्साह का माहौल हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगने लगा है कि अगले चुनावों में वह बीजेपी को शिकस्त दे सकते हैं. बीजेपी का विजय-रथ जो 2014 से तेजी से आगे बढ़ रहा था उस पर 2018 में ब्रेक लग गया है. पहले कर्नाटक और फिर राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के चुनाव में बीजेपी सरकार बनाने में असफल हुई ऐसे में 2019 में बीजेपी को 2014 से कम सीट मिलने के कयास लगाए जा रहे हैं.

इस साल हुए चुनावों में कांग्रेस द्वारा की गई जोरदार वापसी से बीजेपी बैकफूट पर हैं. इसके आलावा राहुल गांधी आम चुनावों से पहले महागठबंधन करने की जुगाड़ में जुटे हुए हैं. अगर यूपी में सपा-बसपा-कांग्रेस का गठबंधन होता है तो पीएम मोदी की सत्ता वापसी आसान नहीं होगी. ऐसे भी कयास लगाए जा रहे है कि 2019 आम चुनावों में बीजेपी की सीटें कम हो सकती है.

अगर 2019 में बीजेपी को 220 से कम सीटे मिलती है तो सरकार बनाने के लिए बीजेपी को और पार्टियों से भी गठबंधन करना पड़ सकती हैं. ऐसे में संभावना ये भी है कि पीएम मोदी के आलावा किसी और को सरकार की कमान सौंपी जा सकती हैं. ऐसे नेता को कप्तान बनाया जा सकता हैं जो सभी सहयोगी दलों को स्वीकृत हो.

इन 2 नामों की चर्चा:

सियासी गलियारों में 2 नामों की चर्चा खूब है. पहला नाम केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का है. गडकरी बीजेपी अध्यक्ष रह चुके हैं और RSS के भी काफी करीब हैं. वे महाराष्ट्र की कैबिनेट में भी मंत्री रह चुके हैं और अब बतौर केंद्रीय मंत्री भी उनके परफॉरमेंस को सराहा जाता है.

इस लिस्ट में दूसरा नाम राजनाथ सिंह का है. राजनाथ सिंह मोदी कैबिनेट में बतौर गृह मंत्री का काम कर रहे हैं. वे 2 बार पार्टी अध्यक्ष भी रह चुके हैं और संगठन पर उनकी अच्छी पकड़ हैं. वे उत्तर प्रदेश के सीएम का पदभार भी संभाल चुके हैं. गठबंधन साथियों को भी उनके नाम पर आपत्ति नहीं होगी.